scorecardresearch
Tuesday, 23 September, 2025
होमदेशगहलोत ने शासन और जन सेवा संबंधी चिंताओं को उठाया

गहलोत ने शासन और जन सेवा संबंधी चिंताओं को उठाया

Text Size:

जयपुर, 22 सितंबर (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राज्य में शासन और जन सेवा के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ ‘अभूतपूर्व’ सत्ता विरोधी लहर का जिक्र किया।

भीलवाड़ा में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘सामान्यतः सत्ता विरोधी लहर सरकार बनने के तीन साल बाद पनपती है, लेकिन इस बार लोग शुरुआत से ही खुद को अनसुना महसूस कर रहे हैं। वे पूछते हैं, ‘हम कहां जाएं?’ यह धारणा राज्य के लिए चिंताजनक है।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अधिकारी लोगों की शिकायतों का जवाब नहीं दे रहे हैं और कई परियोजनाएं, अस्पताल और इमारतें अब तक शुरू नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री इन कार्यों का उद्घाटन करते हैं, तो इसका लाभ लोगों तक पहुंचेगा।’

गहलोत ने बढ़ती अपराध दर, बिजली और सब्सिडी लाभों में देरी, मनरेगा और निर्माण भुगतान के रुके होने, पशु चारे की कमी से किसानों को हो रही परेशानी और भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में अधूरे चिकित्सा बुनियादी ढांचे के मुद्दे को भी रेखांकित किया।

कांग्रेस नेता ने मतदाता अधिकारों और चुनावी शुचिता को लेकर खतरों के प्रति आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचन आयोग को पारदर्शी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करना चाहिए।

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि जांच में देरी एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। उन्होंने सरकार से न्याय के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।

गहलोत ने स्पष्ट किया कि उनकी अपील राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में नहीं, बल्कि जनहित में थी।

भाषा नोमान पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments