नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक सोशल मीडिया मंच पर कराए गए सर्वे में पाया गया है कि इस क्षेत्र में हर पांच परिवारों में से चार परिवार प्रदूषित हवा के चलते एक या उससे ज्यादा बीमारियों से जूझ रहे हैं.
लोकलसर्किल्स द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 91 फीसदी दिल्ली निवासी मानते हैं कि प्रशासन इस दिवाली पर पटाखों के परिवहन, वितरण और बिक्री पर रोक की तामील कराने में पूरी तरह या आंशिक रूप से असफल रहा.
एक बयान में कहा गया कि सर्वे के दौरान दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के 34000 से अधिक लोगों से जवाब मिले. इनमें हिस्सा लेने वाले 66 फीसदी पुरूष और 34 फीसदी महिलाएं थीं. सर्वे में उनसे पिछले सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता गंभीर होने के बाद उनके सामने खड़ी हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बारे में पूछा गया था.
बयान में कहा गया है, ‘जवाब में 16 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें गले में खराश, बलगम या दोनों दिक्कत हैं. अन्य 16 फीसदी लोगों का कहना था कि उनकी आंखों में जलन, गले में तकलीफ और नाक बह रही है जबकि अन्य 16 फीसदी ने कहा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है.’
इस बयान के मुताबिक, सिर्फ 20 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें प्रदूषित वातावरण के चलते कोई परेशानी नहीं है . औसतन हर पांच में से चार परिवारों में प्रदूषित हवा के चलते लोग स्वास्थ्य संबंधी एक या अधिक परेशानियां अनुभव कर रहे हैं.
करीब 24 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्हें उपरोक्त सभी परेशानियां हुईं जबकि आठ फीसदी को कम से कम दो लक्षणों से जूझना पड़ा. करीब 22 फीसदी लोगों ने कहा कि वो या उनके परिवार में किसी ना किसी को वायु प्रदूषण से हुई स्वास्थ्य समस्यों के चलते डॉक्टर के पास या अस्पताल जाना पड़ा.
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