भुवनेश्वर, 22 जनवरी (भाषा) ओडिशा के बोलंगीर जिले के बिलेसरदा ग्राम पंचायत के कथित तौर पर “नीलाम” सरपंच पद के लिए कम से कम चार प्रत्याशियों ने नामांकन किया है।
सुशांत छतरिया, जिन्होंने पुंताला प्रखंड के तहत गांव में जगन्नाथ मंदिर के विकास के लिए 44,000 रुपये का भुगतान करने का वादा करके कथित तौर पर बोली जीती थी, उनके अलावा उनके भतीजे बिलासिनी शर्मा और प्रभुदत्त पांडा ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
बिलेसरदा ग्राम पंचायत में सरपंच पद की कथित “नीलामी” की खबरों के बाद, ओडिशा के राज्य निर्वाचन आयुक्त एपी पाधी ने बृहस्पतिवार को बोलंगीर जिलाधिकारी से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सरपंच पद के लिए इच्छुक किसी भी व्यक्ति को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका नहीं जाए।
छतरिया ने दावा किया कि वह बोली के विजेता हैं और निर्विरोध चुनाव जीतने पर 44,000 रुपये का भुगतान करने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि गांव में जगन्नाथ मंदिर के विकास के लिए यह पैसा खर्च किया जाएगा। जगन्नाथ मंदिर में तीन गांवों – बंदनाकाटा, कसूरपाली और बिलेसरदा – के प्रमुखों की एक बैठक में सरपंच पद के लिए कथित बोली लगाई गई।
इस बीच, कोरापुट जिले में, तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – बीजू जनता दल (बीजद), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेने के बाद, थुरिया गांव की स्नातक ममता जानी ने कोटिया पंचायत के चुनाव में जिला परिषद सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है।
जानी को सत्तारूढ़ बीजद और विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने इस पद के लिए चुना था। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन शुक्रवार को उन्होंने उप जिलाधिकारी कार्यालय में पर्चा भरा।
तीनों दलों ने कोटिया ग्राम पंचायत में पंचायत चुनाव में आंध्र प्रदेश के हस्तक्षेप के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया था।
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नेहा प्रशांत
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