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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशभारत के खाद्य पदार्थ निर्यात में 22% की वृद्धि, ऊंची वैश्विक कीमतों से सस्ती भारतीय वस्तुओं को मिला फायदा

भारत के खाद्य पदार्थ निर्यात में 22% की वृद्धि, ऊंची वैश्विक कीमतों से सस्ती भारतीय वस्तुओं को मिला फायदा

सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अगस्त 2020 और अप्रैल-अगस्त 2021 के बीच अनाज के निर्यात में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. मांस, डेयरी (दुग्ध उत्पाद) और पोल्ट्री के निर्यात में भी अभूतपूर्व तेजी आई है.

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नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत के कृषि और प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) खाद्य पदार्थों के कुल निर्यात (डॉलर के रूप में) में 21.8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है और वह इस साल अप्रैल-अगस्त तिमाही में 7,902 मिलियन डॉलर हो गया है, जो अप्रैल-अगस्त 2020 में $ 6,485 मिलियन था.

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण – (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी – एपीडा) के तहत आने वाले उत्पादों के समग्र निर्यात में यह वृद्धि दर्ज की गई है.

एपीडा को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों जैसे फल, सब्जियां, मांस, मुर्गी पालन और डेयरी से संबंधित उत्पादों के निर्यात में संवर्धन और इसके विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी कृषि-संबंधी उत्पादों के निर्यात के त्वरित अनुमानों पर आधारित नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अनाज (खाद्यान्न) के निर्यात में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है.

ग्राफिक: मनीषा यादव | दिप्रिंट

एक और जहां खाद्यान्न उत्पादों और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात में 41.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं अन्य अनाजों के निर्यात में 142.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

अनाज निर्यात की स्थिति

यद्यपि वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ रही हैं, परन्तु भारत में अनाज के जोरदार उत्पादन की वजह से इनके सस्ती कीमतों पर तेज गति से निर्यात के कारण पुरे देश में किसानों को लाभ हो रहा है.

भारत से वैश्विक स्तर पर चावल के निर्यात में वृद्धि उल्लेखनीय देखी है और यह अप्रैल-अगस्त 2020 के $ 3,359 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2021 में $ 3,820 मिलियन का हो गया है.

भारतीय चावल की कीमतें थाईलैंड के $495/टन, वियतनाम के $470/टन और पाकिस्तान के $440/टन के मुकाबले लगभग $360-390/टन के आसपास मंडरा रही हैं. इसी तरह, भारत से निर्यातित गेहूं की कीमतें ऑस्ट्रेलिया के $300/टन, यूरोप, अमेरिका और कनाडा के $310-320/टन और रूस या यूक्रेन के $290/टन के मुकाबले $280/टन के आसपास टिकी हुई हैं.

निर्यात के इन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत से ताजे फल और सब्जियों का निर्यात, जो अप्रैल-अगस्त 2020-21 में 1,013 मिलियन डॉलर था, अप्रैल-अगस्त 2021-22 में 6.1 प्रतिशत बढ़कर 1,075 मिलियन डॉलर हो गया.

काजू के निर्यात में भी 28.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह अप्रैल-अगस्त 2020 में $ 144 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2021 में $185 मिलियन, हो गया.

मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद

कृषि से संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित उत्पादों के निर्यात में भी पिछले वर्ष की तुलना में दहाई वाले अंकों की उछाल देखी गई है.

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष के इन्हीं महीने के मुकाबले 31.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह अप्रैल-अगस्त 2020 के 1,185 मिलियन डॉलर से बढ़ कर अप्रैल-अगस्त 2021 में 1,554 मिलियन डॉलर हो गया.

कृषि और संबंधित क्षेत्रों के उत्पादों के निर्यात में आयी इस तेजी को वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में निरंतर वृद्धि से जोड़कर भी देखा जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन – फाओ) के अनुसार, मासिक खाद्य मूल्य सूचकांक (फ़ूड प्राइस इंडेक्स ) अगस्त 2021 में औसतन 127.4 अंक रहा, जो इस जुलाई से 3.9 अंक (3.1 प्रतिशत) और पिछले वर्ष की इसी अवधि से 31.5 अंक (32.9 प्रतिशत) अधिक है. इसके अलावा, खाद्यान्न मूल्य सूचकांक (सेरेल प्राइस इंडेक्स) अगस्त में औसतन 129.8 अंक पर था, जो जुलाई से 4.3 अंक (3.4 प्रतिशत) और अगस्त 2020 के स्तर से 30.8 अंक (31.1 प्रतिशत) ऊपर था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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