scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमदेशयूपी के देवरिया के अस्पताल में बच्ची का पोछा लगाते हुए वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पत्रकार पर एफआईआर

यूपी के देवरिया के अस्पताल में बच्ची का पोछा लगाते हुए वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पत्रकार पर एफआईआर

एफआईआर के खिलाफ स्थानीय पत्रकारों ने देवरिया कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने एफआईआर वापस लेने की मांग की है.

Text Size:

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के देवरिया में स्थानीय पत्रकार अमिताभ रावत पर बच्ची को उकसाकर पोछा लगवाते हुए वीडियो बनाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसके बाद स्थानीय पत्रकारों ने देवरिया कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और एफआईआर वापस लेने की मांग की.

बीते दिनों जिला अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक बच्ची पोछा लगा रही थी. देवरिया कोतवाली में क्लीनिंग सर्विसेज के सुपरवाइजर शत्रुघ्न यादव की तहरीर के खिलाफ स्थानीय पत्रकारों ने शुक्रवार को प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

अमिताभ रावत ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ’25 जुलाई को जिला अस्पताल में एक बच्ची पोछा लगाते दिखी थी तो मैंने उसका वीडियो बना लिया था और इस पर खबर लिखी जिसके बाद मुझ पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.’

उन्होंने कहा, ‘मेरी क्या गलती है मुझे नहीं पता.’

उन्होंने कहा, ‘एक पत्रकार होने के नाते मैंने लिखा कि अस्पताल में बच्ची से पोछा लगाया जा रहा था. मैंने अस्पताल के मैनेजमेंट को भी बताया लेकिन उस वक्त किसी ने कुछ कार्रवाई नहीं की. जब वीडियो वायरल हुआ तो मुझ पर एफआईआर दर्ज कर ली गई. मेरा बस यही कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो.’

देवरिया के एसपी श्री पति मिश्रा ने दिप्रिंट से कहा कि अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने जमीन पर पेशाब कर दिया था तो उसकी रिश्तेदार बच्ची उसे साफ करने लगी. तभी अमिताभ नामक व्यक्ति ने उसका वीडियो बना लिया और उससे ये भी कहा कि दोबारा लगाओ ताकि वह वीडिया बना सके.

उन्होंने पहले कहा कि वह पत्रकार कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं है. किसी स्थानीय पोर्टल से जुड़ा है. उन्होंने स्थानीय सूचना विभाग में भी पता किया तो भी नहीं पता चला.

कुछ देर बाद एसपी श्री पति ने दिप्रिंट को बताया कि स्थानीय पत्रकार की एक चैनल से जुड़े होने की पुष्टी हो गई है. उन्होंने मामले की विवेचना के लिए सीओ को जिम्मेदारी दी है. अभी फिलहाल पत्रकार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

एफआईआर कॉपी से मिली जानकारी के मुताबिक, पत्रकार अमिताभ रावत के खिलाफ आईपीसी की धारा 67, 506, 504, 389 और 385 के तहत मामला दर्ज हुआ है.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि 25 जुलाई को मेडिकल वार्ड में एक महिला खून चढ़वाने के लिए भर्ती हुई थी. इसी दौरान उसकी बच्ची ने अस्पताल की गैलरी में पेशाब कर दिया था.

एफआईआर में लिखा है कि इसी दौरान पत्रकार अमिताभ जो वहां पहले से मौजूद थे उन्होंने बच्ची को उकसाकर पोछा लगवाते हुए वीडियो बना लिया.

एफआईआर कॉपी में शिकायतकर्ता की ओर से ये भी लिखा गया है कि पत्रकार ने वीडियो वायरल की धमकी देते हुए 5 हजार रुपये मांगे. शिकायतकर्ता ने पत्रकार पर गाली देने का आरोप भी लगाया. इसके अलावा उन्होंने देवरिया जिला अस्पताल की छवि खराब करने की धमकी भी दी.


यह भी पढ़ें: अयोध्या के राम मंदिर में कोई दलित पुरोहित क्यों न हो? कम्युनिस्ट की बौद्धिक जमात भी यह सवाल नहीं उठाएगी


खबर दिखाने पर एफआईआर कई बार हुई

यूपी में पिछले कुछ महीनों में पत्रकारों पर कई एफआईआर हुई हैं. बीते 13 जून को स्क्रोल वेबसाइट की पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ वाराणसी के रामनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. सुप्रिया पर अपनी स्टोरी में एक दलित महिला की गरीबी व जाति का मजाक उड़ाने का आरोप लगा था.

इसके बाद स्क्रोल वेबसाइट की ओर से कहा गया कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम रहेंगे. सुप्रिया की स्टोरी में बताया गया था कि डोमरी गांव जिसे पीएम मोदी ने 2018 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था वहां लॉकडाउन के दौरान लोग भूख से परेशान रहे.

इससे पहले बीते 1 अप्रैल को यूपी पुलिस ने ‘द वायर’ वेबसाइट के संपादक सिद्धार्थ वर्धराजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. उन पर सीएम योगी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाया गया था.

इसी तरह 2 सितंबर 2019 को मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाने का मामला सामने आया था. इस मामले का खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी जिसके बाद पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. पवन पर गलत साक्ष्य बनाकर वीडियो वायरल करने और छवि खराब करने के आरोप लगे थे.


यह भी पढ़ें: किसान रेल की शुरुआत- महाराष्ट्र से अंगूर, प्याज लेकर जाएगी बिहार और पान, मखाना, सब्जियां लेकर लौटेगी


 

share & View comments