फतेहपुर (उप्र), छह नवंबर (भाषा) कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आबूनगर इलाके में एक विवादित मकबरे पर पूजा करने की कोशिश कर रही महिलाओं की पुलिस के साथ झड़प के बाद पुलिस ने 20 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस इलाके में अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है साथ ही वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र पाल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि स्थानीय खुफिया इकाइयों को भी स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि स्थिति अब शांतिपूर्ण है और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है।
यह वही स्थल है जहां 11 अगस्त को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने पूजा करने की अनुमति मांगते हुए कथित तौर पर हंगामा किया था। उनका दावा था कि सदियों पुराना यह ढांचा ‘ठाकुरजी’ का मंदिर है और उसमें ‘शिवलिंग’ भी है।
अपर पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि बुधवार शाम करीब छह बजे कम से कम 20 महिलाएं दीये और पूजा सामग्री लेकर मांगी समाधि स्थल के पास लगे अवरोधकों के पास पहुंचीं।
अधिकारियों ने बताया कि मांगी समाधि स्थल को लेकर अदालत में मुकदमा चल रहा है और इस कारण पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते प्रवेश रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए थे।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ महिलाओं ने कथित तौर पर अवरोधक हटाने या उन पर चढ़ने की कोशिश की,जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोका। इस पर महिलाओं और थाना प्रभारी (एसएचओ) तारकेश्वर राय के बीच बहस होने लगी। महिलाओं ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने और उन्हें पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया।
विवादित जगह तक पहुंचने में असमर्थ महिलाओं ने बाद में ढांचे के सामने वाली गली से आरती और पूजा की।
एसपी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 121(1) (किसी लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना या हमला करना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 352 (गंभीर उकसावे के अलावा अन्य किसी कारण से आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
महिला कांस्टेबल मंजू सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई प्राथमिकी में स्थानीय निवासी पप्पू सिंह चौहान की पत्नी समेत 20 अज्ञात महिलाओं के नाम हैं।
शिकायत में, कांस्टेबल सिंह ने कहा कि वह और अन्य पुलिसकर्मी विवादित मकबरे के पास तैनात थे, शाम करीब छह बजे चौहान की पत्नी के नेतृत्व में महिलाओं के एक समूह ने कथित तौर पर अवरोधक तोड़ने की कोशिश की, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और पुलिस पर झूठे आरोप लगाने की धमकी दी।
सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें कथित तौर पर महिलाएं पुलिस से बहस करती और दूर से पूजा करती दिखाई दे रही हैं, हालांकि इन वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
मांगी मकबरे स्थल पर 11 अगस्त से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है, जब हिंदू संगठनों के सदस्यों ने दावा किया था कि यह मूल रूप से ‘ठाकुर जी’ को समर्पित एक मंदिर था और उन्होंने पूजा करने की अनुमति मांगी थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि नवाब अबू समद का मकबरा एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। अगस्त की घटना के बाद जिला प्रशासन ने परिसर को सील कर दिया था और अवरोधक लगा दिए थे।
पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की ज़िला इकाई के अध्यक्ष मुखलाल पाल ने चेतावनी दी थी कि वह और हिंदू संगठनों के सदस्य उस जगह पर पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने ढांचे के अंदर मौजूद त्रिशूल और कमल की नक्काशी को इसके हिंदू मूल का होने का प्रमाण बताया था।
अधिकारियों ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने वाली किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किए गए हैं।
भाषा सं जफर मनीषा शोभना
शोभना
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