नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारी विभिन्न चुनाव सुधारों के बारे में जानकारी देने के लिये संसद की एक समिति के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं. इनमें सभी चुनावों के लिये एक मतदाता सूची, आधार के साथ मतदाता पहचान कार्ड को जोड़ना जैसे सुधार शामिल हैं . सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी .
भारतीय जनता पार्टी नेता सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली विधि एवं न्याय, कार्मिक, लोक शिकायत संबंधी स्थायी संसदीय समिति ने ई-अदालत के विषय पर भी चर्चा करने का निर्णय लिया. समिति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़ से समय मांगेगी जो शीर्ष अदालत की ई-समिति के प्रमुख हैं.
सूत्रों ने बताया कि समिति के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद सुशील मोदी ने आयोग के शीर्ष अधिकारियों को बुलाने और सुदूर क्षेत्र से मतदान के विषय पर चर्चा करने का निर्णय लिया. सुदूर क्षेत्र से मतदान से लोगों को अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर से मतदान करने की सुविधा प्राप्त हो सकती है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सभी चुनावों के लिये एक मतदाता सूची, आधार के साथ मतदाता पहचान कार्ड को जोड़ना जैसे विषयों पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा आयोग की अन्य सुधार योजनाओं के बारे में भी चर्चा होगी .
नवंबर के पहले सप्ताह में आयोग के अधिकारियों के उपस्थित होने की संभावना है.
इस वर्ष के प्रारंभ में निर्वाचन आयोग ने एक शोध परियोजना शुरू की थी जो आईआईटी मद्रास एवं आईआईटी के जाने माने प्रौद्योगिकीविदों के साथ विचार विमर्श के साथ सुदूर क्षेत्र से मतदान को सुगम बनाने को लेकर है .
भारतीय न्यायपालिका में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना के तहत ई-अदालत परियोजना की देखरेख का दायित्व उच्चतम न्यायालय की ई-समिति पर है.
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