नई दिल्ली: दीपक तलवार विमानन सौदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल को समन भेजा है. ईडी ने उन्हें छह जून को पेश होने के लिए कहा है. समन भेजे जाने के बाद पूर्व एविएशन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि वे प्रवर्तन निदेशालय की हर संभव मदद करेंगे और उन्हें विमानन सेक्टर की दुश्वारियों को समझने में भी मदद कराने का भी आश्वासन दिया है.
एनसीपी नेता प्रफुल पटेल को 6 जून को सुबह साढ़े 11 बजे बजे ईडी के सामने पेश होना है. आपको बता दें कि हाल ही में कथित एविएशन घोटाले को लेकर जो चार्जशीट पेश की गई थी उसमें प्रफुल्ल पटेल का भी नाम शामिल था.
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान हुए कथित करोड़ों रुपये के विमानन घोटाले में किसी राजनीतिक नेता के खिलाफ यह पहली बड़ी कार्रवाई है.
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पटेल से कुछ खुलासों के बारे में पूछ-ताछ की जानी है. ये पूछ-ताछ एविएशन से जुड़े लॉबिस्ट दीपक तलवार द्वारा किए गए खुलासों और एजेंसी द्वारा मनी लॉड्रिंग के कानून के तहत दर्ज किए गए मामले में उनके पास कुछ सूबतों का खुलासा किया है.
बता दें कि प्रफुल्ल पटेल पर आरोप लगते रहे हैं कि बिचौलिया दीपक तलवार कथित तौर पर पटेल के करीबी हैं और इसीलिए उन्हें विशेष छूट दी गई थी. एजेंसी ने हाल ही में दीपक पटेल के मामले को लेकर चार्ज शीट फाइल की है जिसमें लिखा गया है कि तलवार पटेल के नियमित संपर्क में रहते थे. यही नहीं ईडी ने अपने चार्ज शीट में यह भी कहा गया है तलवार पटेल की तरफ से एमिराट और एयर अरेबिया से कम्यूनिकेशन भी करते थे.
एजेंसी ने अदालत को अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उनके पास दीपक और पटेल के ई-मेल के आदान-प्रदान के कई सबूत मौजूद हैं.
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि, जांच के दौरान एजेंसी को पता चला कि तलवार ने अपने संपर्कों का उपयोग करके निजी एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है.
क्या है पूरा मामला
बता दें, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में जब एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ था, तब पटेल नागरिक विमानन मंत्री थे. पटेल ने मामले में किसी भी गड़बड़ी से इंकार किया है.
एयर इंडिया के लाभकारी मार्गो पर कुछ अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस के साथ अनियमित सीट साझेदारी में संदिग्ध भूमिका के कारण जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत प्रत्यर्पित किया गया तलवार फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.
ईडी एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस के विलय, बोइंग से 111 विमानों और एयरबस को 70,000 करोड़ रुपये में खरीद, लाभकारी मार्गो को निजी एयरलाइंस को आवंटन और विदेशी निवेश के साथ प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की जांच कर रही है.
एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि तलवार के खाते में आया धन सरकारी कर्मचारियों के खाते में स्थानांतरित कैसे हो गया. इन कर्मचारियों में नागरिक विमानन मंत्रालय में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल थे, जिन्होंने 2004 में अपने पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय विमानन सेवा के लिए 111 विमानों को खरीदने का फैसला कर लिया था.
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)