नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं वेतन में कटौती, पक्षपात और लचीलेपन की कमी के कारण इस साल नौकरी छोड़ रही हैं या नौकरी छोड़ने पर विचार कर रही हैं। प्रमुख ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्किंग मंच लिंक्डइन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
कंपनी ने मंगलवार को भारत में 2,266 उत्तरदाताओं पर आधारित अपना नवीनतम उपभोक्ता अनुसंधान जारी किया, जिसके जरिए कार्यस्थल पर महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया जाएगा।
लिंक्डइन के शोध से पता चलता है कि महामारी के प्रभाव के बाद 10 में से आठ (83 प्रतिशत) कामकाजी महिलाओं ने महसूस किया है कि वे अधिक लचीले ढंग से काम करना चाहती हैं।
शोध में कहा गया कि 72 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं ऐसी नौकरी को अस्वीकार कर रही हैं, जो उन्हें लचीले ढंग से काम करने की अनुमति नहीं देती हैं, जबकि 70 प्रतिशत पहले ही नौकरी छोड़ चुकी हैं या नौकरी छोड़ने पर विचार कर रही हैं।
सर्वेक्षण में शामिल पांच में लगभग दो महिलाओं ने कहा कि लचीनेपन से उनके कामकाज और निजी जीवन में बेहतर संतुलन स्थापित होता है और उन्हें करियर में आगे बढ़ने में मदद मिलती है, जबकि तीन में एक ने कहा कि इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और उनकी वर्तमान नौकरियों में बने रहने की संभावना बढ़ जाती है।
इंडिया टैलेंट एंड लर्निंग सॉल्युशंस, लिंक्डइन की वरिष्ठ निदेशक रुचि आनंद ने कहा, ‘यह कंपनियों और नियोक्ताओं को इस बात के लिए सचेत करता है कि यदि वे अपनी शीर्ष प्रतिभाओं को खोना नहीं चाहते हैं तो उन्हें प्रभावशाली लोचदार नीतियां लानी होंगी।’
लिंक्डइन एक नई सुविधा ‘कैरियर ब्रेक्स’ पेश कर रहा है, जो सदस्यों को अपने लिंक्डइन प्रोफाइल में करियर ब्रेक जोड़ने और इस दौरान मिले अनुभवों को प्रदर्शित करने की अनुमति देता है।
सदस्य यह बता सकेंगे कि कैरियर ब्रेक के दौरान मिले अनुभवों से उस भूमिका में क्या सहायता मिलती है, जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं।
भाषा रिया पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.