कोलकाता, 31 अगस्त (भाषा) रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने कहा कि अमेरिका के उच्च शुल्क लगाने से उद्योग पर असर पड़ा है और उसने केंद्र से तत्काल राहत मांगी है।
भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का अमेरिकी शुल्क 27 अगस्त से लागू हो गया।
जीजेईपीसी के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अप्रत्याशित दंडात्मक शुल्क ने उद्योग को सकते में डाल दिया है।
उन्होंने कहा, ”अगर एक तिमाही के भीतर चिंताओं का समाधान नहीं किया गया, तो बाजार और भी प्रभावित होगा। शुल्क लागू होने से पहले ही अमेरिकी बाजार में काफी मांग आ चुकी थी।”
उन्होंने कहा कि उद्योग को तुरंत राहत देने के लिए ऋण समयसीमा को 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन या उससे ज्यादा करने, किश्तों के भुगतान पर रोक लगाने और ब्याज समानीकरण योजना की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय
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