नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) एमएसएमई मंत्रालय के 18 टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्रों के जरिए पिछले नौ साल में 16 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बुधवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इससे तीन लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को फायदा हुआ है।
राणे ने कहा कि टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ने राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि देश भर में एमएसएमई मंत्रालय द्वारा संचालित 18 टूल रूम और प्रौद्योगिकी केंद्रों के माध्यम से पिछले नौ वर्षों में 16 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे तीन लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को लाभ हुआ है।
राणे ने कहा कि ये टूल रूम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मध्यम और छोटे आकार के उपकरणों का डिजाइन और विनिर्माण करते हैं। इनका इस्तेमाल खेल के सामान, प्लास्टिक, ऑटोमोबाइल, जूते, कांच, इत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स और अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित उद्योगों में किया जाता है।
चंद्रयान-3 मिशन के लिए भुवनेश्वर टूल रूम ने 437 किस्मों के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस उपकरणों का निर्माण किया।
भाषा पाण्डेय रमण
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