नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को विशेष इस्पात क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तीसरे दौर की शुरुआत की। यह योजना घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
मंत्री ने यहां आयोजित एक समारोह में विशेष इस्पात के लिए ‘पीएलआई 1.2’ नामक पीएलआई योजना के तीसरे दौर की शुरुआत की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना को जुलाई, 2021 में 6,322 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य भारत को उच्च मूल्य और इस्पात के आधुनिक ग्रेड के उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र में बदलना है।
यह योजना चिन्हित उत्पाद श्रेणियों में उत्पादन में वृद्धि और निवेश को प्रोत्साहित करती है। इससे देश के भीतर मूल्यवर्धन बढ़ेगा और रक्षा, बिजली, वैमानिकी और बुनियादी ढांचा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात निर्भरता कम होगी।
पहले दो दौर के तहत, पीएलआई योजना ने अब तक 43,874 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल की है। इसमें से 22,973 करोड़ रुपये पहले ही निवेश किए जा चुके हैं। इसके साथ ही पहले दो दौर के तहत 13,000 से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं।
इस योजना में 22 उत्पाद उप-श्रेणियां शामिल हैं, जिनमें सुपर अलॉय, सीआरजीओ, अलॉय फोर्जिंग, स्टेनलेस स्टील, टाइटेनियम अलॉय और कोटेड स्टील शामिल हैं।
प्रोत्साहन दरें चार प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक हैं। यह 2025-26 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए लागू हैं और भुगतान अगले वित्त वर्ष से शुरू होगा। वर्तमान रुझानों को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए कीमत निर्धारण के आधार वर्ष को भी 2024-25 तक अद्यतन किया गया है।
भाषा रमण अजय
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