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Friday, 19 April, 2024
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वृहद आंकड़ों, रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

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नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े घटनाक्रम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की धारणा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह भारतीय बाजारों के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति एक महत्वपूर्ण कारक होगी। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लगातार बिकवाली के बाद नए वित्त वर्ष में एफपीआई का रुख किस तरह का रहता है। हालांकि, पिछले सप्ताह उनके रुख में बदलाव आया है।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ सभी की निगाहें आठ अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों पर रहेंगी।

उन्होंने कहा,‘‘वृहद मोर्चे पर सप्ताह के दौरान चार और छह अप्रैल को क्रमश: विनिर्माण और सेवाओं के पीएमआई आंकड़े आएंगे।’’ इन सबके बीच वैश्विक संकेतक जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी का ध्यान रहेगा।

मिश्रा ने कहा कि अभी स्थानीय बाजार वैश्विक बाजारों के रुख से दिशा ले रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर सकारात्मक घटनाक्रमों से बाजार में और सुधार आ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शेयर विशेष की कीमतों में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं।’’

पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1,914.49 अंक यानी 3.33 प्रतिशत और निफ्टी 517.45 अंक यानी 3.01 प्रतिशत के लाभ में रहा।

शेयर बाजारों ने शुक्रवार को नए वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छे लाभ के साथ की। सेंसेक्स शुक्रवार को 708 अंक से अधिक की तेजी के साथ 59,000 अंक पर पहुंच गया।

सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, ‘‘एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक का ब्योरा इसी सप्ताह आएगा। यह वैश्विक स्तर पर बाजारों को प्रभावित करेगा। घरेलू मोर्चे पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बाजार की धारणा को तय करेगी’’

बीते वित्त वर्ष में बीएसई सेंसेक्स 9,059.36 अंक यानी 18.29 प्रतिशत उछला जबकि निफ्टी 2,774.05 अंक यानी 18.88 प्रतिशत के लाभ में रहा।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में बाजार का ध्यान मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रिजर्व बैंक की नीतिगत घोषणाओं पर होगा।’’

भाषा अजय अजय प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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