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Thursday, 6 November, 2025
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न्यायालय ने वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में विजयराज सुराना की याचिका पर एसएफआईओ से मांगा जवाब

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सुराना समूह के प्रबंध निदेशक विजयराज सुराना की उस याचिका पर गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (सीएफआईओ) से जवाब मांगा जिसमें उन्होंने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित वित्तीय धोखाधड़ी के संबंध में जमानत शर्तों में छूट देने का अनुरोध किया है।

शीर्ष अदालत ने 20 मई को सुराना को जमानत दे दी थी जो कथित वित्तीय धोखाधड़ी के संबंध में कंपनी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमानत देते हुए कहा कि मुकदमा शुरू होने से पहले लंबे समय तक हिरासत में रखना बिना दोषसिद्धि के सजा के समान होगा।

पीठ में न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली भी शामिल हैं।

न्यायालय ने सुराना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी. यू. सिंह की दलीलों पर बृहस्पतिवार को गौर किया और एसएफआईओ (गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय) को नोटिस जारी किया। पीठ याचिका पर अब चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।

एसएफआईओ की ओर से पेश वकील ने सुराना की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पहले उन्होंने जमानत मांगी और फिर अब लगाई गई शर्तों में ढील मांग रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ नोटिस जारी करें। चार सप्ताह बाद जवाब दें।’’

इससे पहले जमानत देते हुए शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि चेन्नई के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (कंपनी अधिनियम मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश) अगर संतुष्ट हों तो सुराना को रिहा किया जाए।

न्यायालय ने इसके अलावा सुराना से कहा कि यदि उन्होंने अपना पासपोर्ट पहले से जमा नहीं किया है तो उसे निचली अदालत में जमा करा दें। साथ ही वह अदालत की अनुमति के बिना भारत से बाहर न जाएं।

पीठ ने साथ ही आगाह किया था कि कार्यवाही को लंबा खींचने के किसी भी प्रयास के परिणामस्वरूप जमानत रद्द हो सकती है।

सुराना पर एसएफआईओ द्वारा उजागर की गयी एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि सुराना समूह पर विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों का लगभग 10,233 करोड़ रुपये बकाया है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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