नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने पिछले तीन वर्षों में विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में अपने ग्राहकों को 6,121 फ्लैट का कब्जा दिया है। कंपनी के पूर्व निदेशक आर के अरोड़ा ने यह जानकारी दी।
ये फ्लैट कंपनी के पूर्व प्रबंधन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा नियुक्त एक समाधान पेशेवर की देखरेख में 16 निर्माणाधीन परियोजनाओं में दिए।
एनसीएलटी ने 25 मार्च, 2022 के अपने आदेश में सुपरटेक लिमिटेड को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल किया था।
इसके बाद प्रवर्तक ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अपील दायर की।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने जून 2022 के अपने आदेश में केवल एक परियोजना ‘इको विलेज-2’ के संबंध में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के गठन का निर्देश दिया था। अन्य सभी परियोजनाएं अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) की देखरेख में पूर्व प्रबंधन को पूरी करनी थी।
सुपरटेक लिमिटेड के निलंबित बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अरोड़ा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कंपनी ने 10 जून, 2022 से अपनी 16 निर्माणाधीन परियोजनाओं में 6121 फ्लैट दिए हैं।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ में स्थित इन 16 परियोजनाओं में अभी भी लगभग 15,000 फ्लैट ग्राहकों को नहीं दिए जा सके हैं।
उन्होंने कहा कि कंपनी अगले तीन महीनों में 1,000 और फ्लैट देने की राह पर आगे बढ़ रही है।
अरोड़ा ने कहा कि कंपनी और एपेक्स हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से परियोजना के सह-डेवलपर्स के रूप में सभी 16 निर्माणाधीन परियोजनाओं को शुरू करने की मंजूरी के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक समाधान योजना पेश की है।
उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय संयुक्त समाधान योजना को मंजूरी देता है, तो ये परियोजनाएं दो वर्षों में पूरी हो सकती हैं।
भाषा पाण्डेय रमण
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