मुंबई, 22 मार्च (भाषा) घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती गिरावट से उबरे और एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और टीसीएस के शेयरों में लाभ से बाजार में मजबूती आयी।
पेट्रोलियम विपणन कंपनियों द्वारा 137 दिन के अंतराल के बाद ईंधन के दाम बढ़ाने के बाद मुद्रास्फीति और वृद्धि की चिंता में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला और दिन के निचले स्तर 56,930.30 अंक तक आ गया।
हालांकि, बाद में इसमें सुधार आया और अंत में यह 696.81 अंक यानी 1.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,989.30 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 लाभ में रहे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 197.90 अंक यानी 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,315.50 अंक पर बंद हुआ।
इक्विटी 99 के राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘रिलायंस की लिवाली के साथ बाजार में अच्छा सुधार देखने को मिला। शुरुआती गिरावट के बाद बाजार में तेजी लौटना भारतीय बाजार के लिये अच्छा संकेत है। आने वाले दिनों में हमारा अनुमान है कि उतार-चढ़ाव रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने तथा कच्चे तेल की कीमत के स्थिर होने तक बना रहेगा।’’
सेंसेक्स के तीस शेयरों में 3.83 प्रतिशत तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में टेक महिंद्रा का शेयर रहा। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.59 प्रतिशत) बजाज फिनसर्व (2.46 प्रतिशत), आईटीसी (2.21 प्रतिशत), टीसीएस (2.09 प्रतिशत), कोटक महिंद्रा बैंक (1.88 प्रतिशत) और इन्फोसिस (1.87 प्रतिशत) में भी अच्छी तेजी रही।
दूसरी तरफ हिंदुस्तान यूनिलीवर लि., नेस्ले इंडिया, एनटीपीसी और सन फार्मा के शेयर नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख को देखते हुए बाजार की शुरुआत गिरावट से हुई। हालांकि, यूक्रेन के युद्धविराम की दिशा में काम करने की उम्मीद में यूरोपीय बाजार की सकारात्मक शुरुआत के साथ घरेलू शेयर बाजारों में स्थिति बदली।’’
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की लाभ में रहे। अमेरिकी शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट रही।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख रहा।
इस बीच, रेटिंग एजेंसी फिच ने ऊर्जा की ऊंची कीमतों का हवाला देते हुए 2022-23 के लिये भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 10.3 प्रतिशत से घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया।
इधर, पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए करीब साढ़े चार महीने बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में 80-80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। वहीं एलपीजी की दर में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गयी है। इससे मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका बढ़ी है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.57 प्रतिशत टूटकर 113.8 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 2,962.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा रमण अजय
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