scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमदेशअर्थजगतवित्त वर्ष 2022-23 में S&P ग्लोबल रेटिंग्स को भारत में 7.3% वृद्धि दर रहने की उम्मीद

वित्त वर्ष 2022-23 में S&P ग्लोबल रेटिंग्स को भारत में 7.3% वृद्धि दर रहने की उम्मीद

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

Text Size:

नई दिल्ली: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है. साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मुद्रास्फीति 2022 के अंत तक छह प्रतिशत के ऊपर रह सकती है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति की अधिकतम सीमा छह प्रतिशत तय की है. हालांकि महंगाई लगातार इस स्तर से ऊपर बनी हुई है.

एसएंडपी ने एशिया प्रशांत के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमानों में कहा कि अगले साल भारत की वृद्धि को घरेलू मांग में सुधार का समर्थन मिलेगा.

बयान में कहा गया, ‘हमने भारत के वृद्धि पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए 7.3 प्रतिशत और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है, हालांकि इसमें कमी का जोखिम बना हुआ है.’

उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती नीतिगत ब्याज दरों के बीच अन्य एजेंसियों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के वृद्धि अनुमान में कटौती की है. इस महीने की शुरुआत में, फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया था, जो इससे पहले 7.8 प्रतिशत था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी अपने अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने पूर्वानुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


यह भी पढ़ें: फर्जी पते, खाली पड़े ऑफिस— कुछ ऐसी है रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की अंधेर दुनिया


 

share & View comments