गांधीनगर, नौ जून (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसई) से पेशेवराना रुख में सुधार करने और अपने खर्च में कमी लाने को कहा है।
वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि पीएसई को निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत इन सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के राष्ट्र-निर्माण में योगदान पर एक विशाल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। सीतारमण गांधीनगर के महात्मा मंदिर में विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रमुखों को संबोधित कर रही थीं।
सीतारमण ने कहा, ‘‘अब सार्वजनिक उपक्रमों के लिए यह दिखाने का समय आ गया है कि आप अपने पेशेवराना रुख में सुधार के लिए बहुत उत्सुक हैं, जैसा कि आपने 1991 से अबतक किया है। और खर्च को कम करने के लिए जहां संभव हो निजी क्षेत्र की भागीदार पर विचार किया जा सकता है… आप निजी क्षेत्र की दक्षता से लाभ उठा सकते हैं।’’
वित्त मंत्री ने 2021 में घोषित नई पीएसई नीति का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा के बारे में पता होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के संचालन के लिए नीति आ गई है, इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा के स्तर के बारे में जागरूक होना चाहिए।
सीतारमण ने कहा, ‘‘और अगर हम प्रतिस्पर्धा के स्तर के प्रति सचेत हैं, तो मुझे यकीन है कि जैसे आपने अतीत में कई दशकों से किया है, आप चुनौती का सामना करेंगे, और मजबूती के साथ खड़े रहने में सक्षम होंगे।’’
उन्होंने 1991 में देश में हुए आर्थिक सुधारों को मूलभूत बदलाव करने वाला बताया।
‘‘राष्ट्र निर्माण और सीपीएसई’’ शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में कोल इंडिया, गेल इंडिया, एनटीपीसी, सेल और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी लगभग 75 केंद्र सरकार की कंपनियों के स्टॉल हैं। प्रदर्शनी 10 जून से 12 जून तक जनता के लिए खुली रहेगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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