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Friday, 8 August, 2025
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शुल्क चिंता में सेंसेक्स ने 765 अंक का गोता लगाया, निफ्टी भी 233 अंक फिसला

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(ग्राफिक्स के साथ)

मुंबई, आठ अगस्त (भाषा) विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और अमेरिकी शुल्क से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स 765 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में भी 233 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों में भारी बिकवाली से भी बाजार पर दबाव पड़ा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 765.47 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 80,000 के स्तर से नीचे 79,857.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 847.42 अंक टूटकर 79,775.84 अंक पर आ गया था।

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,507 शेयर गिरावट में रहे जबकि 1,521 शेयरों में तेजी रही और 145 अन्य अपरिवर्तित रहे।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 232.85 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,363.30 अंक पर बंद हुआ।

यह लगातार छठा कारोबारी सप्ताह है जब बाजार नुकसान में रहा है। बीएसई सेंसेक्स में इस हफ्ते कुल 742.12 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि एनएसई निफ्टी 202.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

शुक्रवार को सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

हालांकि, एनटीपीसी, टाइटन, ट्रेंट, आईटीसी और बजाज फिनसर्व के शेयरों में तेजी का रूख रहा।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क के प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ने से घरेलू बाजार में गिरावट रही और यह तीन माह के निचले स्तर पर बंद हुआ।’

नायर ने कहा, ‘विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी है जिससे घरेलू सूचकांकों पर दबाव बढ़ रहा है। नाउम्मीद के माहौल में रियल्टी एवं धातु खंडों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा।’

शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 4,997.19 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 10,864.04 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।

चौतरफा बिकवाली के बीच सभी क्षेत्रवार सूचकांक नकारात्मक दायरे में बंद हुए। रियल्टी खंड में सर्वाधिक 2.09 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि दूरसंचार खंड में 1.83 प्रतिशत और धातु खंड में 1.82 प्रतिशत की सुस्ती रही।

मझोली कंपनियों का सूचकांक बीएसई मिडकैप 1.56 प्रतिशत गिर गया जबकि छोटी कंपनियों का स्मालकैप सूचकांक 1.03 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, ‘घरेलू इक्विटी बाजार एफआईआई की बिकवाली और शुल्क चिंताओं के दबाव में गिर गए। विवाद न सुलझने तक कोई भी व्यापार वार्ता न होने की चेतावनी से बाजार धारणा प्रभावित हुई।’

अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर घोषित शुरुआती 25 प्रतिशत शुल्क बृहस्पतिवार से लागू हो गए। वहीं रूसी तेल खरीदने पर अलग से लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू होने वाले हैं।

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की सूचकांक सकारात्मक दायरे में बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में ज्यादातर बढ़त में थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत बढ़कर 66.82 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 79.27 अंक बढ़कर 80,623.26 अंक और निफ्टी 21.95 अंक चढ़कर 24,596.15 अंक पर रहा था।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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