जयपुर, 12 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि पचपदरा रिफाइनरी राज्य में विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाओं का द्वार बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रिफाइनरी राजस्थान के विकास के लिए बड़ा सपना है और अधिकारी इसके काम को गति दें।
गहलोत मंगलवार को राजस्थान रिफाइनरी की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना है। पचपदरा (बाड़मेर) में रिफाइनरी के साथ ही बन रहे पेट्रो-रसायन परिसर से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों के केंद्र के रूप में विकसित होगा और यहां बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि यहां न सिर्फ तेल निकलेगा, बल्कि इसके साथ-साथ पेट्रोलियम उप-उत्पाद भी निकलेंगे जिससे राज्य में निवेश आएगा और विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी एक बहुत बड़ा सपना है, जिसमें कई बार रूकावटें आईं। क्षेत्र की जनता के लम्बे संघर्ष और हमारी सरकार की कोशिशों के बाद इस परियोजना ने अब गति पकड़ी है जिसे समय पर पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने एचपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संसाधन बढ़ाकर परियोजना के कार्यों को और गति दें।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से जुड़े सभी विभागों एवं एचपीसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर एक अंतर-विभागीय कार्यसमूह बनाया जाए ताकि रिफाइनरी के साथ पेट्रो-रसायन परिसर से संबंधित मुद्दों को समय पर हल किया जा सके। मुख्यमंत्री ने नौ प्रमुख रिफाइनरी इकाइयों की प्रगति एवं चार प्रमुख पेट्रो-रसायन इकाइयों के बारे में भी जानकारी ली।
बैठक में खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि रिफाइनरी का कार्य तय समय में पूरा हो सके इस संबंध में पेट्रोलियम विभाग की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा। विधायक मदन प्रजापत ने स्थानीय स्तर पर मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के संबंध में सुझाव दिए।
एचपीसीएल के अध्यक्ष एम के सुराणा ने परियोजना की विभिन्न इकाइयों की अब तक की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी तेल क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी परियोजना है। रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने बताया कि 90 लाख टन वार्षिक क्षमता की 43,129 करोड़ रुपये लागत की इस रिफाइनरी में अभी तक 15,225 करोड़ रुपये व्यय कर 43 प्रतिशत कार्य पूरे किए जा चुके हैं। नौ प्रमुख रिफाइनरी इकाइयों में से छह इकाइयों का कार्य मार्च, 2023 तक पूरा हो जाएगा। शेष इकाइयों का काम भी समय पर पूरा करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि परियोजन में करीब 20 हजार लोग रोजगार पर लगे हुए हैं।
भाषा पृथ्वी कुंज
राजकुमार अजय
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