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Monday, 18 November, 2024
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निजी क्षेत्र का निवेश चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से बढ़ने की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार

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नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को उम्मीद जतायी कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निजी क्षेत्र पूंजी व्यय में तेजी लाएगा। इसके साथ उन्होंने इस साल आर्थिक स्थिति में सुधार की आशा व्यक्त की।

कंपनी कर में कटौती समेत सरकार के कई उपायों के बावजूद निजी क्षेत्र से निवेश पिछले कई साल से नरम रहा है।

नागेश्वरन ने एआईएमए (ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र में बैंक कर्ज बढ़ना शुरू हो गया है। इसीलिए मुझे लगता है कि दूसरी तिमाही के अंत या साल की दूसरी छमाही से निजी क्षेत्र निवेश के मामले में अगुवा बनेगा…जल्दी ही निजी क्षेत्र पूंजी निवेश बढ़ाएगा और इसमें गति आएगी।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सार्वजनिक निवेश के माध्यम से गति देने के लिये 2022-23 के बजट में पूंजी व्यय 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। बीते वित्त वर्ष 2021-22 के लिये यह 5.5 लाख करोड़ रुपये था।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के एक सर्वे के अनुसार उद्योग का क्षमता उपयोग 68 प्रतिशत से बढ़कर 74 प्रतिशत पहुंच गया है। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही चार शीर्ष कंपनियां पहले ही 80 प्रतिशत से अधिक क्षमता पर काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार दीर्घकालीन आकांक्षा, वृहत आर्थिक स्थिरता, सूझबूझ वाला बजट, पारदर्शिता और पूंजी व्यय पर जोर के साथ अल्पकाल की बाध्यताओं पर भी ध्यान रखती है।

सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिये मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की योजना छह महीने के लिये बढ़ा दी है। इस पर 80,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जो जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 0.65 प्रतिशत है।

महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर जोर का जिक्र करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि दो प्रमुख चीजों पर विशेष रूप से ध्यान होगा। पहला सार्वजनिक संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना तथा दूसरा सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण।

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व संग्रह में वृद्धि को देखते हुए बजट अनुमान हासिल होगा।

आर्थिक समीक्षा में देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।

हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने तेल के दाम में तेजी और आपूर्ति संबंधी बाधाओं को देखते हुए पिछले सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में इसे 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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