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Tuesday, 23 April, 2024
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मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल 119 रुपये और डीजल 108 रुपये प्रति लीटर पार

जिला मुख्यालय अनूपपुर से लगभग 13 किलोमीटर दूर जैतहरी में पेट्रोल 119.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल 108.4 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.

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भोपाल: मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले में ईंधन की कीमतों में वृद्धि से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. शनिवार को अनूपपुर जिले में पेट्रोल की कीमत 119 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 108 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई.

जिला मुख्यालय अनूपपुर से लगभग 13 किलोमीटर दूर जैतहरी में पेट्रोल 119.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल 108.4 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. यह जानकारी एक पेट्रोल पंप के मालिक सुखलाल कुशवाहा ने दी.

उन्होंने कहा कि अनूपपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में पेट्रोल लगभग 10 रुपये और डीजल चार रुपये प्रति लीटर सस्ता है.

महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक पेट्रोल पंप के मालिक अमर सिंह नारदे ने बताया कि यहां पेट्रोल 118.25 रुपये तथा डीजल  107.46 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक कर रही है. उन्होंने बताया कि शनिवार को जिले में पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे और डीजल की कीमत में 37 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है.

नारदे ने कहा, ‘बालाघाट जिले में ईंधन का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है क्योंकि ज्यादातर वाहन महाराष्ट्र या छत्तीसगढ़ में ईंधन भराना पसंद करते हैं. मध्यप्रदेश के बालाघाट के मुकाबले महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल क्रमश: सात रुपये और चार रुपये सस्ता है.’

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इस बीच, राजधानी भोपाल में 36 पैसे की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत 115.90 रुपये प्रति लीटर तथा 38 पैसे की बढ़ोतरी के बाद डीजल की कीमत 105.27 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

भोपाल के पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल पंप मालिकों को पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक कीमतों के कारण नुकसान हो रहा है. पड़ोसी राज्यों में ईंधन सस्ता है और मध्य प्रदेश में प्रवेश करने से पहले अधिकांश वाणिज्यिक वाहन इन राज्यों से ईंधन भरवा लेते हैं.

सिंह ने जोर देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को ईंधन की बढ़ती कीमतों के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश सरकार प्रतिशत के आधार पर मूल्य वर्धित कर (वैट) लेती है जबकि केंद्र प्रति लीटर ईंधन पर एक निश्चित राशि कर के तौर पर वसूल करता है. इसलिए राज्य के पास कीमत कम करने की गुंजाइश है.’


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