scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होमदेशअर्थजगतमोदी सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा देने का आरोप बेबुनियाद: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

मोदी सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा देने का आरोप बेबुनियाद: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री ने राज्य सभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये है.

Text Size:

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2021-22 का बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट है जिसमें, हिसाब-किताब की पारदर्शिता और सामाजिक आर्थिक ढांचे के विकास के साथ-साथ करदाताओं तथा उद्यमशीलता का सम्मान किया गया है.

बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर करारा प्रहार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है. उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है.

वित्त मंत्री ने राज्य सभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये है. ऐसे समय जब दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं महामारी से प्रभावित हैं, हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, जिसका दूसरे क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव (गुणक प्रभाव) पड़े. इसीलिए हमने समाधान के अल्पकालीन उपायों के साथ साथ मध्यम और दीर्घावधि में भरोसेमंद सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया है. इससे हम दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बनाए रख सकेंगे.’

सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि विपक्ष मे कुछ लोगों की यह आदत हो गयी है. सरकार कुछ भी करे, भले ही वह साफ तौर पर दिखे कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिये है, फिर भी विपक्ष झूठी कहानी गढ़ता है और कहता है कि सरकार केवल पूंजीतपतियों के लिये काम करती है.’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ’ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी. क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है?’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं. क्या वे गांव अमीरों के हैं?’ उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए.

पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किये जाने के विपक्ष के आरोप में उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है.’

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है.

सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की सारी कमियों को दूर कर इस साल सबसे अधिक 90,500 करोड़ रूपये व्यय किए हैं.

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘आपका ट्रैक रिकार्ड खराब है. आपके बजट अनुमान कभी हासिल नहीं किए जा सके.’

रक्षा बजट में कमी के विपक्ष के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में 18 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी.

उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार करदाताओं के ‘पाई-पाई’ का हिसाब सामने रख रही है. बजट में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गयी है और जो खर्च जहां है, वहां दिखाया गया है.

उनका संकेत पूर्व सरकार में सब्सिडी का पैसा तेल, उर्वरक कंपनियों और एफसीआई के खातों में डालने की ओर था.

सीतारमण ने कहा कि संप्रग के समय सब्सिडी के बदले तेल और उर्वरक कंपनियों को जारी बांड राजग के समय चुकाए गए.

उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम पर राष्ट्रीय लघु बचत कोष का कर्ज सरकार ने बजट से चुकाने का प्रावधान कर एक तरह बजट के आंकड़ों की विश्वसनीयता सुनिश्चित की है. साथ ही एफसीआई का कर्ज उतार कर तथा उसको अतिरिक्त शेयर पूंजी दे कर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना को लागू करने के लिए अधिक सशक्त बनाया है.


यह भी पढ़ें: तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री में आग से जान गंवाने वालों के परिजनों को PM राहत कोष से दिए जाएंगे 2-2 लाख


 

share & View comments