नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) टीमलीज सर्विसेज के एक अध्ययन में मंगलवार को कहा गया कि भारत में कुल महिला श्रमबल की संख्या 14.98 करोड़ होने के बावजूद श्रम बाजार में उनकी भागीदारी बेहद कम है।
टीमलीज सर्विसेज की मंगलवार को जारी ताजा रिपोर्ट – ‘नो वुमन लेफ्ट बिहाइंड’ के अनुसार भारत में संविदा कर्मचारियों में सिर्फ 12 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि पुरुषों की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत है।
इस अध्ययन के अनुसार कार्यबल में महिलाओं की कम हिस्सेदारी की वजह घरेलू जिम्मेदारियां और अवैतनिक कार्यों में उनकी अधिक भागीदारी है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में कहा गया था कि घरेलू कार्यों में शामिल महिलाओं की दर ग्रामीण क्षेत्रों में 55.7 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 59.1 प्रतिशत है।
टीमलीज के अध्ययन में पाया गया कि आमतौर पर कार्यस्थल पर माहौल महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के बहुत अनुकूल या उत्साहजनक नहीं है। काम चाहे जैसा भी हो, भारत में ज्यादातर महिला कर्मचारियों के पास नौकरी का लिखित अनुबंध नहीं है और लगभग आधी वेतनभोगी महिला कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश भी नहीं मिलता है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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