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Thursday, 30 October, 2025
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विदेशों में मजबूती के रुख, मांग बढ़ने से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

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नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) शिकागो एक्सचेंज में मजबूती के रुख तथा त्योहारी मांग के बीच स्थानीय बाजार में सोमवार को सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। वहीं नयी फसल की आवक बढ़ने के बीच सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखने को मिली जबकि सामान्य और सुस्त कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम स्थिर बने रहे।

शिकागो एक्सचेंज में मजबूती का रुख था जबकि मलेशिया एक्सचेंज में घट-बढ़ जारी है।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन के नये फसल की मंडियों में आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है तथा सोयाबीन प्लांट वाले इसके कमजोर दाम लगा रहे हैं। इस वजह से सोयाबीन तिलहन कीमत में गिरावट देखी गई। जबकि शिकागो एक्सचेंज के मजबूत रहने से सोयाबीन तेल कीमतों में मामूली सुधार देखने को मिला।

उन्होंने कहा कि वैसे तो शनिवार के मुकाबले सोयाबीन तेल के दाम में सुधार है लेकिन यह भी हकीकत है कि देश के आयातक सोयाबीन डीगम तेल को आयात लागत से लगभग 2.5 प्रतिशत नीचे दाम पर बेच रहे हैं। सोयाबीन डीगम तेल की आयात लागत (बगैर मुनाफे के) 105 रुपये प्रति किलो बैठती है पर आयातक इसी तेल को 102.50 रुपये किलो के भाव बेच रहे हैं। यही हाल पामोलीन तेल का भी है।

सूत्रों ने कहा कि यह कैसी स्थिति है कि मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देशों में, जहां बहुतायत के कारण इन खाद्यतेलों के रखने की जगह नहीं है, वे इसे ऊंचे दाम में बेच रहे हैं पर खाद्यतेल आवश्यकता के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से के लिए आयात पर निर्भर भारत जैसे देश में इन आयातित खाद्यतेलों को लागत से कम दाम पर बेचा जा रहा है। इस गुत्थी को सुलझाने की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध से समीक्षकों और विशेषज्ञों के बीच केवल खाद्यतेलों की मंहगाई की चिंता जताने की प्रवृति बढ़ी है। सरकार की ओर से भी समय-समय पर आत्मनिर्भर होने की मंशा जताई जाती है। समीक्षकों और विशेषज्ञों के तमाम सुझावों पर काम करने के बावजूद देश के तेल-तिलहन मामले में आत्मनिर्भर होने के बजाय आयात पर निर्भरता बढ़ती ही जा रही है। जो अंतत: हमारे हित में नहीं है। इन बातों पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,025-7,075 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,300-5,675 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,120-2,420 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,460-2,595 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,125 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,800 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,450-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,150-4,250 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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