नयी दिल्लीः देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर घटकर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसका कारण मुख्य रूप से विनिर्माण और खनन क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन है. बीते वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन घटकर 1.6 प्रतिशत रह सकता है जबकि 2021-22 में इसमें 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
इसी प्रकार खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 11.5 प्रतिशत थी.
एनएसओ के अनुसार, ‘‘स्थिर मूल्य (2011-12) पर देश की जीडीपी 2022-23 में 157.60 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है. वर्ष 2021-22 के लिये 31 मई, 2022 को जारी अस्थायी अनुमान में जीडीपी के 147.36 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था.’’
वास्तविक यानी स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत रहने की संभावना है जो 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी. जीडीपी देश की सीमा में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है.
एनएसओ का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने के अनुमान से अधिक है.
वर्तमान मूल्य पर जीडीपी 2022-23 में 273.08 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि 2021-22 के लिये अस्थायी अनुमान में इसके 236.65 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना जतायी गयी थी.
इस प्रकार, वर्तमान मूल्य पर जीडीपी (नॉमिनल जीडीपी) में वृद्धि दर 2022-23 में 15.4 प्रतिशत रहने की संभावना है जो 2021-22 में 19.5 प्रतिशत थी.
अग्रिम अनुमान के अनुसार कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2022-23 में 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है जो पिछले वित्त वर्ष के तीन प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है.
व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 13.7 प्रतिशत रहने की संभावना है जो 2021-22 में 11.1 प्रतिशत थी.
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर 2022-23 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो 2021-22 में 4.2 प्रतिशत थी.
हालांकि निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 9.1 प्रतिशत पर रहने की संभावना है जो बीते वित्त वर्ष में 11.5 प्रतिशत थी.
इसी प्रकार, लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर घटकर 7.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 12.6 प्रतिशत थी.
स्थिर मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में वृद्धि की दर 2022-23 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो बीते वित्त वर्ष में 8.1 प्रतिशत थी.
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