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Thursday, 19 December, 2024
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पिछले पांच साल में विदेशी खातों में अवैध धन के बारे में औपचारिक आकलन नहीं: केंद्र सरकार

बीजेपी के सुखराम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने सवाल किया था कि वर्ष 2014 से 30 नवंबर, 2021 तक विदेशों से भारत वापस लाए गए काले धन का वर्ष-वार और देश-वार ब्यौरा क्या है?

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नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि पिछले पांच साल के दौरान विदेशी खातों में काले धन की राशि के संबंध में कोई औपचारिक आकलन नहीं है. हालांकि, 2015 के दौरान अघोषित आय के खुलासे के संदर्भ में तीन महीने के लिए दी गई छूट अवधि के दौरान टैक्स और जुर्माने के रूप में 2,476 करोड़ रुपए एकत्र किए गए हैं.

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अवैध धन (अघोषित विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) और कर अधिरोपण कानून, 2015 के तहत 30 सितंबर, 2015 को समाप्त तीन महीने की अनुपालन व्यवस्था के तहत 4,164 करोड़ रुपए की अघोषित विदेशी संपत्ति से जुड़े 648 खुलासे किए गए.

कानून के तहत सरकार ने अघोषित आय के बारे में इकाइयों को पाक साफ होने का मौका देने के लिए एक जुलाई, 2015 से तीन महीने की मोहलत दी थी.


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उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कर और जुर्माने के रूप में लगभग 2,476 करोड़ रुपए एकत्र किए गए. उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच साल के दौरान विदेशी खातों में अवैध धन की रकम के संबंध में कोई औपचारिक आकलन नहीं है. हालांकि, सरकार ने विदेशों में जमा अवैध धन के खिलाफ अनेक कदम उठाएं हैं जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं.’

भारतीय जनता पार्टी के सुखराम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने सवाल किया था कि वर्ष 2014 से 30 नवंबर, 2021 तक विदेशों से भारत वापस लाए गए काले धन का वर्ष-वार और देश-वार ब्यौरा क्या है?

मंत्री ने कहा कि ‘एचएसबीसी मामलों’ में सूचित नहीं किए गए विदेशी बैंक खातों में जमा राशि को लेकर 8,466 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय को कर के दायरे में लाया गया और 1,294 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया है.

चौधरी ने कहा कि ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) के खुलासा किए गए मामलों में की गई निरंतर जांच से अब तक अघोषित विदेशी खातों में 11,010 करोड़ रुपए से अधिक जमा का पता चला है.

उन्होंने कहा कि पनामा और पैराडाइज पेपर लीक मामले में भारत से संबद्ध 930 इकाइयों के संबंध में 20,353 करोड़ रुपए की राशि के कुल अघोषित जमा का पता चला है.

चौधरी ने कहा कि अभी तक पनामा और पैराडाइज पेपर लीक मामले में 153.88 करोड़ रुपए बतौर कर एकत्र किए गए हैं. इसके अलावा पनामा और पैराडाइज पेपर लीक के 52 मामलों में काला धन कानून, 2015 के तहत आपराधिक अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं. साथ ही 130 मामलों में काला धन कानून के तहत कार्यवाही शुरू की गई है.

उन्होंने कहा कि जब कभी विदेशों में जमा अवैध धन के संबंध में कोई विश्वसनीय सूचना मिली है तो सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं. इनमें एचएसबीसी मामले, आईसीआईजे मामले, पनामा पेपर मामले शामिल हैं.


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