नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) नीति आयोग ने देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऋण और ब्याज सब्सिडी देने वाली योजनाओं को आसान बनाने की वकालत की है।
नीति आयोग ने कहा कि इसके तहत राज्य स्तर पर इन योजनाओं के लिए पात्रता मानदंड को आसान बनाना चाहिए, ताकि एमएसएमई की मुकाबला करने की क्षमता को बढ़ाया जा सके।
आयोग ने ‘भारत में एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना’ शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में कौशल विकास उपायों को आसानी से सुलभ बनाने का सुझाव भी दिया। खासतौर से अपने स्थान और आकार के कारण चुनौतियों का सामना करने वाले एमएसएमई को ये सुविधाएं दी जानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया, ”राज्य स्तर पर, ऋण और ब्याज सब्सिडी देने वाली योजनाओं के लिए पात्रता बाधाओं को कम करने से एमएसएमई की वित्तपोषण संबंधी जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा।”
इसमें कहा गया कि एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सफलता को देखते हुए उन्हें अपना परिचालन बढ़ाने की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.