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Tuesday, 23 September, 2025
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एनसीएलटी ने कहा, जरूरी मामलों की सुनवाई को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की

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नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने कहा है कि उसने जरूरी मामलों की सुनवाई को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। कथित अधिसूचना में कहा गया है कि सदस्यों की कमी के कारण केवल जरूरी मामलों की सुनवाई ‘ऑनलाइन’ होगी।

एनसीएलटी ने सोशल मीडिया मंचों पर अधिसूचना जारी होने के मद्देनजर मंगलवार को यह स्पष्टीकरण जारी किया।

आठ अगस्त को जारी अधिसूचना में दावा किया गया है कि सदस्यों की कमी है। कुछ सदस्यों के स्वास्थ्य और व्यक्तिगत कारणों से अवकाश लेने से समस्या और बढ़ गयी है। सदस्य ‘वीडियो कॉफ्रेन्स’ के जरिये कई पीठ में सुनवाई कर रहे हैं। और यह निर्णय किया गया है कि अगले आदेश तक केवल जरूरी मामलों की सुनवाई न्यायाधिकरण की सभी पीठों में ‘ऑनलाइन’ होगी।

न्यायाधिकरण ने नौ अगस्त को एक बयान में कहा, ‘‘उक्त अधिसूचना एनसीएलटी ने जारी की है और वह प्रमाणिक नहीं है।’’

बयान के अनुसार, आठ अगस्त को जारी तथाकथित अधिसूचना को एनसीएलटी के अध्यक्ष ने मंजूरी नहीं दी है।

न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘चूंकि अधिसूचना वैध नहीं है, अत: उस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। इसे एनसीएलटी की वेबसाइट पर नहीं डाला गया है।’’

एनसीएलटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रामलिंगम सुधाकर के अलावा 16 न्यायायिक सदस्य और नौ तकनीकी सदस्य विभिन्न स्थानों पर हैं।

न्यायाधिकरण में लगभग 60 सदस्यों की स्वीकृत संख्या है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने पिछले महीने एनसीएलटी में न्यायिक सदस्यों के 8 पदों और तकनीकी सदस्यों के 11 पदों को भरने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी और ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये थे। मंत्रालय सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को अनुबंध आधार पर ‘कोर्ट ऑफिसर’ के रूप में भी नियुक्त कर रहा है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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