नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने मंगलवार को हिंदुस्तान नेशनल ग्लास एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एचएनजी) की कर्ज समाधान योजना को मंजूरी देने वाले एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
हालांकि, एनसीएलएटी ने इस योजना को चुनौती देने वाली अपीलों को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के जनवरी एवं मई में आए के निर्देशों के आधार पर इंडिपेंडेंट शुगर कॉरपोरेशन लिमिटेड (इंस्को) की तरफ से पेश समाधान योजना को मंजूरी दी थी।
इस योजना को एजीआई ग्रीनपैक लिमिटेड, पूर्व प्रवर्तक मुकुल सोमानी, वित्तीय ऋणदाता एक्सक्लूसिव कैपिटल लिमिटेड और परिचालन ऋणदाता सोनेको ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष चुनौती दी हुई है।
हालांकि, ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) की ओर से कहा गया कि समाधान योजना को मंजूरी उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में दी गयी है।
एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की दो-सदस्यीय पीठ ने सभी प्रतिवादियों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया। अब इन अपीलों की सुनवाई नौ अक्टूबर, 2025 को होगी।
पीठ ने स्पष्ट किया कि अपील लंबित रहने के दौरान सफल समाधान आवेदक स्वीकृत योजना के तहत अपनी जिम्मेदारियों से बंधा रहेगा और सभी कार्रवाइयां अपीलों पर सुनाए जाने वाले फैसले के अधीन होंगी।
इंस्को के प्रवक्ता ने इस आदेश पर कहा, ‘‘हम एनसीएलएटी की कार्यवाही का सम्मान करते हैं और अदालतों की तरफ से जारी सभी निर्देशों का पालन जारी रखेंगे। इंस्को सभी हितधारकों के हित में स्वीकृत समाधान योजना लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
इस बीच, किसी तरह की अंतरिम राहत न मिलने से कर्ज समाधान योजना का क्रियान्वयन जारी है। करीब 2,200 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत एचएनजी के अधिग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। मंजूरी के बाद 45 दिन की निगरानी अवधि भी जारी है।
एनसीएलटी ने 14 अगस्त को इंस्को की तरफ से पेश समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इससे पहले 13 जून को सीओसी ने 96.16 प्रतिशत बहुमत से इस योजना को हरी झंडी दी थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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