नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि बैंक चालू वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में गिरावट की चुनौतियों के बावजूद अपनी परिसंपत्तियों पर प्रतिफल (आरओए) एक प्रतिशत से अधिक सुनिश्चित करेगा।
आरओए एक लाभप्रदता अनुपात है जो दर्शाता है कि कोई कंपनी अपनी परिसंपत्तियों से कितना लाभ कमा सकती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष के दौरान रेपो दर में और कटौती होगी, जिससे शुद्ध ब्याज मार्जिन पर दबाव पड़ेगा। जमा पक्ष पर दरों का पुनर्गठन होगा, क्योंकि इसके बिना प्रभावी मौद्रिक संचरण संभव नहीं होगा।
एसबीआई के तिमाही आंकड़ों की घोषणा के बाद विश्लेषकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जमा पर ब्याज दरों का पुनर्गठन मोटे तौर पर रेपो दर में कटौती के अनुरूप हो, ताकि मार्जिन सुरक्षित रहे।”
उन्होंने कहा, “हम अभी भी चालू वित्त वर्ष के लिए एक प्रतिशत आरओए लक्ष्य बनाए रखने में सक्षम होंगे… हमारा लक्ष्य व्यापार चक्रों के माध्यम से लगातार 15 प्रतिशत से अधिक आरओई (रिटर्न ऑन इक्विटी) हासिल करना है।”
पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में बैंक का आरओए 1.04 प्रतिशत से बढ़कर 1.10 प्रतिशत हो गया, जबकि इस दौरान आरओई 20 प्रतिशत के आसपास स्थिर रहा।
एनआईएम पर कोई लक्ष्य दिए बिना, शेट्टी ने कहा कि नीति दर की कार्रवाइयों को बैंक के लिए जमा लागत में बदलने में 12-18 महीने तक का समय लगेगा।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान, एसबीआई की बहीखाते का आकार बढ़कर 66 लाख करोड़ रुपये हो गया और परिचालन लाभ एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया और वित्त वर्ष के दौरान 1,10,579 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष के दौरान एसबीआई का शुद्ध लाभ भी 70,901 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 61,077 करोड़ रुपये के पिछले उच्च स्तर पर था, जो 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
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