इंदौर, 12 अप्रैल (भाषा) ऊंची कीमतों के चलते वैश्विक मांग में कमी के कारण भारत से मार्च के दौरान सोया खली का निर्यात करीब 82 प्रतिशत घटकर महज 50,000 टन पर सिमट गया। मार्च, 2021 में देश से 2.76 लाख टन सोया खली का निर्यात गया था।
प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने पीटीआई-भाषा को बताया,‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के इस उत्पाद के मुकाबले ऊंचे बने हुए हैं। भारतीय सोया खली की मांग में जारी गिरावट का सबसे प्रमुख कारण यही है।’’
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना की गिनती दुनिया के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादकों के रूप में होती है।
प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।
भाषा हर्ष
राजकुमार अजय
अजय
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