नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) भारत ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित दो घरेलू कंपनियों की शिकायतों के बाद देश में चीन की कंपनियों के ‘पॉलिएस्टर टेक्सचर्ड’ धागे की कथित डंपिंग करने के खिलाफ जांच शुरू की है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने कहा कि रिलायंस और वेलनोउन पॉलिएस्टर ने अपने आवेदनों में दावा किया है कि चीन से इन धागों के सस्ते आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ है और इसलिए उन्होंने सरकार से डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का अनुरोध किया है।
डीजीटीआर ने कहा कि आवेदकों द्वारा प्रस्तुत विधिवत प्रमाणित लिखित आवेदनों के आधार पर तथा उत्पादों की डंपिंग के संबंध में आवेदकों द्वारा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया साक्ष्यों से संतुष्ट होने के बाद ‘‘प्राधिकरण डंपिंग रोधी’’ जांच शुरू करता है।
यदि यह साबित हो जाता है कि इन डंपिंग ने घरेलू उत्पादकों को वास्तविक नुकसान पहुंचाया है तो डीजीटीआर इन आयातों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा।
इन शुल्कों को लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
देश डंपिंग रोधी जांच यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि क्या सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है।
एक प्रतिकार उपाय के रूप में वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये शुल्क लगाते हैं। इस शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और घरेलू उत्पादकों तथा विदेशी उत्पादकों व निर्यातकों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना है।
भारत ने चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा रखा है।
भारत और चीन दोनों विश्व व्यापार संगठन के सदस्य हैं।
चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत ने पड़ोसी देश के साथ बढ़ते व्यापार घाटे पर बार-बार गंभीर चिंता व्यक्त की है जो 2024-25 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।
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