नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) डालमिया भारत लिमिटेड सीमेंट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने को लेकर अगले कुछ साल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी व्यय करेगी।
कंपनी ने कहा कि बुनियादी ढांचा और आवास क्षेत्रों पर सरकार का जोर सीमेंट उद्योग के लिए ‘उम्मीद’ पैदा करता है।
डालमिया भारत लिमिटेड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, बजट में सरकार के लगातार पूंजीगत व्यय में वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और आवास क्षेत्र के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता से देश में सीमेंट की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
डालमिया भारत ने कहा, ‘एक मजबूत भारत के निर्माण के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप हम अगले कुछ साल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी व्यय के लिए प्रतिबद्ध है। हम लक्ष्य के अनुसार क्षमता वृद्धि हासिल करने के लिए नयी परियोजनाओं में निवेश के साथ अपने मौजूदा संयंत्रों में कामकाज को सुगम बनाने के लिए बाधाओं को दूर करने को लेकर काम कर रहे हैं।’
डालमिया भारत की सीमेंट उत्पादन क्षमता 3.59 करोड़ टन सालाना है। इसका लक्ष्य अगले वित्त वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर 4.85 करोड़ टन सालाना उत्पादन क्षमता करना है। कंपनी को अगले दशक में क्षमता बढ़कर लगभग 11 से 13 करोड़ टन सालाना होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हम 2024 तक 4.85 करोड़ टन सालाना उत्पादन क्षमता और 2030 तक 13 करोड़ टन उत्पादन क्षमता हासिल करने को लेकर चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,988 करोड़ रुपये पूंजी व्यय करेंगे।’
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए डालमिया भारत के प्रबंध निदेशक गौतम डालमिया और पुनीत डालमिया ने कहा, ‘‘महामारी के कारण प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तेजी से पुनरूद्धार हो रहा है। इससे सीमेंट क्षेत्र के तेजी से बढ़ने का अनुमान है…।’’
भाषा रिया रमण
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