कोलकाता, 13 सितंबर (भाषा) शोध एवं रेटिंग फर्म क्रिसिल ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि इसके पहले के अनुमान 3.5 प्रतिशत से कम है।
अपनी नवीनतम रिपोर्ट में क्रिसिल ने कहा कि यह नरमी चालू वित्त वर्ष के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 1.4 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाती है, जिससे मौद्रिक ढील के लिए गुंजाइश बनने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई इस वर्ष ब्याज दरों में 2.5 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
क्रिसिल के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बढ़ने के साथ ही कम मुद्रास्फीति और घटी हुई ब्याज दरों से अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग में वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि खरीफ सीजन के दौरान अत्यधिक बारिश एक जोखिम है, क्योंकि इससे पंजाब जैसे प्रमुख बागवानी और खाद्यान्न उत्पादक क्षेत्रों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य मुद्रास्फीति निचले स्तर से बढ़ने लगी है, लेकिन अभी भी मुख्य मुद्रास्फीति से पीछे है।
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय
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