नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि डेटा संरक्षण विधेयक का ढांचा सरकार को ‘अधिभावी’ अधिकार देता है जिसमें डेटा संरक्षण प्राधिकरण को सरकार के निर्देशों को मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
उद्योग निकायों कट्स, सीसीएओआई और इंटरनेट सोसायटी द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान तिवारी के इस विचार का बीजू जनता दल के सांसद अमर पटनायक ने भी समर्थन किया।
लोकसभा सांसद तिवारी ने कहा, ‘‘बुनियादी रूप से इस विधेयक का जैसा ढांचा बनाया गया है, वह एक अधिभावी ‘वीटो’ देता है। मुझे लगता है कि विधेयक के अंत में एक विशेष खंड है जिसके हिसाब से डेटा संरक्षण प्राधिकरण सरकार के निर्देशों को मानने को बाध्य होगा।’’
पटनायक ने भी तिवारी की बात का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘‘इस विशेष खंड के अनुसार सरकार तय करेगी कि सार्वजनिक नीति क्या है? यह नजरिया डेटा संरक्षण प्राधिकरण (डीपीए) पर ‘बाध्यकारी’ होगी।’’
भाषा अजय प्रेम
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