नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय वैश्विक बाजारों में निर्यात गुणवत्ता और तकनीकी अनुपालन को मजबूत करने के लिए अनिवार्य और स्वैच्छिक गैर-शुल्क उपायों का पता लगा रहा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने यह जानकारी दी।
यह कवायद हाल ही में मंजूर निर्यात संवर्धन मिशन के तहत निर्यात गुणवत्ता और तकनीकी अनुपालन के लिए सहायता तैयार करने का हिस्सा है।
एक बयान में कहा गया, ‘‘विदेश व्यापार महानिदेशालय वैश्विक बाजारों में भारतीय निर्यात पर लागू अनिवार्य एवं स्वैच्छिक गैर-शुल्क उपायों (एनटीएम) का व्यापक रूप से पता लगा रहा है, जिसमें प्रमाणन, परीक्षण आवश्यकताएं, निरीक्षण, ऑडिट, लेबलिंग मानदंड और अन्य नियामक अनुपालन शर्तें शामिल हैं।’’
सटीक और कारगर आंकड़े तैयार करने लिए निर्यातकों, निर्यात संवर्धन परिषदों, जिंस बोर्ड तथा उद्योग संघों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित एनटीएम और प्रमाणन आवश्यकताओं की जानकारी उपलब्ध कराएं।
डीजीएफटी ने कहा कि जानकारी सात दिन के अंदर जमा करनी होगी।
इसमें कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि जानकारी नहीं देने की स्थिति में संबंधित प्रमाणन या एनटीएम को आंकड़ा संग्रह बनाने में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, जिससे निर्यात संवर्धन मिशन के तहत प्रस्तावित भावी सहायता उपायों या अन्य हस्तक्षेपों पर असर पड़ सकता है।’’
ज्यादातर एनटीएम ऐसे नियम हैं, जिन्हें मानव, पशु या पौधे के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण की रक्षा के लिए देश बनाते हैं। एनटीएम में तकनीकी उपाय जैसे विनियम, मानक, परीक्षण, प्रमाणन, निर्यात पूर्व निरीक्षण; या गैर-तकनीकी उपाय जैसे कोटा, आयात लाइसेंस, सब्सिडी, सरकारी खरीद प्रतिबंध आदि शामिल हो सकते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
