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Sunday, 22 December, 2024
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी बजट 2022 को बताया 5 साल के लिए विजन, मायावती ने कहा- घिसा पिटा

यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. यह पिछले वित्त वर्ष के लिए पारित 5,50,270 करोड़ रुपए के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपए अधिक है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा 2022-2023 के लिए राज्य का बजट पेश करने के बाद बुंदेलखंड में जनरल बिपिन रावत रक्षा और औद्योगिक गलियारे के विकास के लिए 400 करोड़ रुपए के प्रस्ताव की सराहना की है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने बुंदेलखंड में जनरल बिपिन रावत डिफेंस एंड इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है. हमने राज्य के आठ डिविजन में भ्रष्टाचार विरोधी संगठन इकाइयां स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम राज्य में इस योजना को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपए से अधिक का प्रस्ताव रखते हैं. ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क पर परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है.’

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बजट को प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप करार देते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और श्रमिकों समेत समाज के हर तबके का ख्याल रखते हुए बनाया गया है. यह बजट अगले पांच वर्षों का एक ‘विजन’ भी है जो प्रदेश के सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ-साथ एक उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा.

उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के पूर्व एक लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था. उसमें लिए गए कुल 130 संकल्पों में से 97 को इस पहले बजट में ही स्थान दिया गया है और इसके लिए 54,883 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री ने बजट की मुख्य बातों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी परिवारों को वर्ष में दो रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त उपलब्ध कराने की घोषणा को बजट में स्थान दिया गया है. किसानों को आलू, टमाटर और प्याज आदि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में राहत दिलाने के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष की स्थापना की गई है. बजट में इसके लिए भी व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुरूप किसानों को अगले पांच वर्षों में मुफ्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत नि:शुल्क सौर पैनल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है. बजट में इसके तहत 15,000 से अधिक सोलर पैनल मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है.

प्रदेश में रोजगार सृजन के लिए हर परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, रोजगार या स्वरोजगार के साथ जोड़ने के लिए सर्वेक्षण के कार्यक्रम को भी इस बजट में स्थान दिया है.


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क्या कुछ है यूपी के बजट में

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पेश किया.

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख करोड़ रुपए के इस बजट में सरकार के विभिन्न विभागों की जरूरतों और भविष्य को देखते हुए प्रावधान किए गए हैं.

बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है, इसके अलावा 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना और 60.20 लाख क्विन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है.

महिलाओं के लिए स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री के सेक्टर में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा – सशक्तीकरण और कौशल विकास के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है. स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 2022-2023 के लिए 1500 करोड़ रुपए की बजटीय व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्रतियोगी छात्रों को उनके घर के पास ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने सभी मण्डल मुख्यालयों में चलाई जा रही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में करने के लिए 30 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव किया है.

बजट में, वाराणसी में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिए जमीन खरीदने के लिए 95 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है. खेल के विकास और उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने के लिए मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी. वहीं, विश्वविद्यालयों के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रावधान प्रस्तावित है.


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अब तक का सबसे बड़ा बजट

यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. यह पिछले वित्त वर्ष के लिए पारित 5,50,270 करोड़ रुपए के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपए अधिक है.

बजट में 39 हजार 181 करोड़ 10 लाख रुपए की नई योजनाएं शामिल की गई हैं. बजट में कुल पांच लाख 90 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपए की कुल प्राप्तियां अनुमानित हैं. इनमें चार लाख 99 हजार 951 करोड़ 71 लाख रुपए की राजस्व प्राप्तियां और 91 हजार 739 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं.

बजट में 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है.


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‘घिसा-पिटा और जनता की आंख में धूल झोंकने वाला बजट है’

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विधानसभा में पेश वर्ष 2022-23 के बजट को ‘घिसा-पिटा’ और जनता की आंख में धूल झोंकने वाला करार दिया है.

मायावती ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों के जीवन में थोड़े अच्छे दिन लाने के लिए कथित डबल इंजन की सरकार द्वारा जो बुनियादी कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाने चाहिए थे, वे कहां किए गए. स्पष्ट है कि नीयत नहीं है तो फिर वैसी नीति कहां से बनेगी. जनता की आंख में धूल झोंकने का खेल कब तक चलेगा.’

वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2022—23 के लिए विधानसभा में पेश बजट को ‘आंकड़ों का मकड़जाल’ करार देते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के इस छठे बजट में सब कुछ घटा है.

अखिलेश ने कहा, ‘प्रदेश की बीजेपी सरकार के पिछले पांच साल में जनता को सिर्फ धोखा मिला है. उसका यह छठा बजट भी आंकड़ों का मकड़जाल है. यह बजट तो छठा है लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा (कम हुआ) है.’

अखिलेश ने कहा, ‘तालियां तो बज रही हैं मगर यह दिल्ली के बजट को जोड़कर बनाया गया बजट है. अब भी सपा सरकार के काम ही दिख रहे हैं. जिस सरकार ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, आज हम 2022 में हैं… छठवां बजट पेश हुआ है… क्या हमारे किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी?’

उन्होंने कहा, ‘जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है और लगातार बढ़ रही है, उससे राहत के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है. इस बजट से गांवों में उदासी है. नौजवान जो उम्मीद लगा कर बैठा था कि उसे नौकरी और रोजगार मिलेगा. आंकड़ों में तो दिखाई दे रहा है कि नौकरी और रोजगार दिया गया है मगर जमीन पर गांव में अब भी बड़े पैमाने पर नौजवानों के पास रोजगार नहीं है.’

भाषा के इनपुट से 


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