scorecardresearch
Sunday, 31 August, 2025
होमदेशअर्थजगतचीन अक्टूबर से विशेष उर्वरक निर्यात पर प्रतिबंध फिर लगाएगा: एसएफआईए

चीन अक्टूबर से विशेष उर्वरक निर्यात पर प्रतिबंध फिर लगाएगा: एसएफआईए

Text Size:

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) भारत का विशेष उर्वरक उद्योग आपूर्ति संबंधी नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, क्योंकि चीन अक्टूबर से निर्यात प्रतिबंध फिर से लगाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

एक वरिष्ठ उद्योग अधिकारी ने शनिवार को कहा कि ऐसे में कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा।

चीन से विशेष उर्वरक निर्यात की अस्थायी बहाली के चलते राहत मिली है, लेकिन यह राहत अल्पकालिक होगी, क्योंकि बीजिंग अगले महीने से निरीक्षण बढ़ाकर और खेप में देरी करके निर्यात नियंत्रण कड़ा करने की योजना बना रहा है।

घुलनशील उर्वरक उद्योग संघ (एसएफआईए) के अध्यक्ष राजीव चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ”यह एक अस्थायी समाधान है, क्योंकि चीन अक्टूबर से निर्यात खिड़की बंद कर रहा है। वे इसे केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व बाजार के लिए बंद कर देंगे।”

भारत और चीन के बीच मुद्दे फिलहाल सुलझ गए हैं, लेकिन प्रतिबंधों का सिलसिला फिर से शुरू होने की आशंका है।

चक्रवर्ती ने कहा, ”एक बार जब वे आपूर्ति रोक देते हैं या उस पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देते हैं, तो वे इसे पूरी तरह से नहीं रोकते। वे निरीक्षण लगाकर और खेपों में देरी करके इसे सीमित कर देते हैं। इसलिए यह प्रक्रिया अक्टूबर से फिर शुरू होगी।”

भारतीय विशेष उर्वरक कंपनियां मौजूदा एक महीने के दौरान पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वैश्विक सोर्सिंग कंपनियां प्रतिबंध लागू होने से पहले अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय तक काम कर रही हैं।

उद्योग को उम्मीद है कि मध्य सत्र तक स्वदेशी आपूर्ति उपलब्ध हो जाएगी, जिससे आपूर्ति की कुछ बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। हालांकि कीमतों में बढ़ोतरी को रोकना मुश्किल लगता है।

उन्होंने बताया कि भारत ने सात वर्षों के अनुसंधान के बाद अपनी पहली स्वदेशी पानी में घुलनशील उर्वरक तकनीक विकसित कर ली है। यह एक ऐसी सफलता है जो देश को विशिष्ट उर्वरकों के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है। इस शोध पहल का नेतृत्व एसएफआईए ने किया।

चक्रवर्ती ने कहा, ”मेरा उद्देश्य भारत को, विशेष रूप से विशिष्ट उर्वरक के क्षेत्र में आयात पर निर्भर देश से एक निर्यात प्रधान देश बनाना है।”

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments