नई दिल्ली: सरकार ने देश में बुनियादी अवसंरचना के सृजन के जरिए आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय को 34.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है.
चालू वित्त वर्ष के लिये पूंजीगत व्यय को 4.12 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़ाकर 4.39 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया गया है.
सीतारमण ने बजट भाषण में कहा, ‘2020-21 में पूंजीगत व्यय तेज किया गया है. हमने पूंजीगत व्यय के लिये 4.12 लाख करोड़ रुपये दिये थे. संसाधनों में कमी के बाद भी हमारा प्रयास रहा कि पूंजीगत व्यय को तेज करें. हम इस वित्त वर्ष में करीब 4.39 लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाले हैं. हमने यह 2020-21 के लिये संशोधित बजट में यह प्रावधान किया है.’
वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिये पूंजीगत व्यय को और बढ़ाते हुए 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा. यह 2020-21 के 4.12 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने कहा, ‘इसमें से मैंने 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि आर्थिक मामलों के विभाग के लिये अलग रखा है. यह पूंजीगत व्यय के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले और जरूरतमंद विभागों को दिया जायेगा.’
उन्होंने कहा कि इस व्यय से ऊपर सरकार राज्यों और स्वायत्त निकायों को व्यय के लिये दो लाख करोड़ रुपये से अधिक देगी. उन्होंने कहा, ‘हम बुनियादी संरचना के सृजन पर राज्यों को अधिक खर्च करने के लिये प्रेरित करने की विशेष व्यवस्था करने पर भी काम करेंगे.’
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