नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिवालिया घोषित हो चुकी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की नोएडा स्थित 40 मंजिला आवासीय परियोजना एमराल्ड कोर्ट में फ्लैट खरीदने वाले लोगों को 15 अप्रैल तक भुगतान रिफंड के लिए दावे पेश करने को कहा है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस विवादित परियोजना में फ्लैट लेने वाले खरीदारों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही न्यायालय ने खरीदारों को रकम वापसी के संबंध में 15 अप्रैल तक अपने दावे पेश करने को कहा।
सुनवाई के दौरान सुपरटेक ने न्यायालय को बताया कि वह दिवालिया घोषित करने के राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ अपील करेगी। एनसीएलटी ने हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुपरटेक को दिवालिया घोषित कर दिया था। यूनियन बैंक ने सुपरटेक पर 432 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने का आरोप लगाया था।
उच्चतम न्यायालय ने निर्धारित मानकों का उल्लंघन कर बनाई गई एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया हुआ है। इसे 22 मई तक गिराये जाने की संभावना है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि एमराल्ड कोर्ट में कुल 711 लोगों ने फ्लैट खरीदे थे लेकिन सुपरटेक ने सिर्फ 652 खरीदारों के दावों का ही निपटान किया है।
न्याय-मित्र गौरव गोयल ने कहा कि इस तरह 59 घर खरीदारों को अब भी फ्लैट खरीद की रकम लौटाने की जरूरत है। यह बकाया राशि करीब 14.69 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
पीठ ने सुपरटेक को दिवालिया घोषित किए जाने के आदेश को भी सुनवाई के दौरान संज्ञान में लिया। एनसीएलटी के 25 मार्च, 2022 को जारी आदेश के तहत सुपरटेक को दिवालिया घोषित करने के साथ ही कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने और हितेश गोयल को समाधान पेशेवर नियुक्त किया गया है।
पीठ ने कहा कि घर खरीदारों के दावों की राशि को वित्तीय ऋणदाताओं के दूसरे दावों से अलग रखा जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी।
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प्रेम अजय
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