चित्तूर (आंध्र प्रदेश), चार जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को बंद पड़ी चित्तूर डेयरी के पुनरुद्धार की नींव रखी। इसमें अमूल ब्रांड नाम से प्रसिद्ध गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफएल) सहयोग दे रही है।
चित्तूर डेयरी में उत्पादन 20 साल से अधिक समय तक बंद रही, जिससे इसका कर्ज बढ़कर 182 करोड़ रुपये हो गया है। मौजूदा सरकार द्वारा इसमें नई जान फूंकने की मंजूरी दी गई। सहयोग के हिस्से के रूप में अमूल ने 385 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है जिससे 5,000 नई नौकरियां पैदा होंगी और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों को लाभ होगा।
राज्य सरकार के साथ समझौते के अनुसार, अमूल को चित्तूर डेयरी भूमि का पट्टा प्राप्त होने के 10 महीने के भीतर उत्पादन शुरू करना होगा, जहां वह एक दुग्ध प्रसंस्करण इकाई का निर्माण करेगी।
यह पनीर, दही, चीज, मक्खन, आइसक्रीम बनाने की इकाइयां और दूध पाउडर कारखाना भी स्थापित करेगी।
रेड्डी ने नींव रखने के बाद कहा कि आज होने वाली अच्छी चीजों में से एक बंद पड़ी चित्तूर डेयरी को फिर से खोलना है।
चित्तूर डेयरी के गौरवशाली दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाती थी और इस क्षेत्र को समृद्ध बनाती थी।
चित्तूर डेयरी के पतन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को कथित रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए रेड्डी ने कहा कि नायडू के परिवार के स्वामित्व वाली निजी डेयरी कंपनी हेरिटेज कंपनी के जन्म के बाद (चित्तूर) डेयरी को नुकसान होना शुरू हो गया।
इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि बिना कोई नोटिस जारी किए चित्तूर डेयरी को 31 अगस्त 2002 को बंद कर दिया गया था जब नायडू मुख्यमंत्री थे।
रेड्डी ने कहा, चित्तूर डेयरी जिसने शीतलीकरण संयंत्र के रूप में परिचालन शुरू किया था, उसने वर्ष 1988 तक प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण करना शुरु कर दिया। इसके बाद वर्ष 1993 तक इसकी क्षमता 2.5 लाख से तीन लाख लीटर के बीच बढ़ गई।
भाषा राजेश राजेश अजय
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