नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) का मार्च में समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ लगभग 58 प्रतिशत बढ़कर 552 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। डूबे कर्ज के लिए प्रावधान घटने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है।
बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 की समान तिमाही में 350 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
बैंक ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 5,719 करोड़ रुपये रह गई, जो वित्त वर्ष 2020-21 इसी अवधि में 6,074 करोड़ रुपये थी।
मार्च, 2022 में समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में बैंक की ब्याज आय चार प्रतिशत बढ़कर 4,215 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 31 मार्च, 2022 तक कुल ऋण पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 9.82 प्रतिशत रहीं, जो इससे एक साल पहले की इसी अवधि में 11.69 प्रतिशत पर थीं।
इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 3.58 प्रतिशत से घटकर 2.65 प्रतिशत रह गया।
बीते पूरे वित्त वर्ष के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ 106 प्रतिशत बढ़कर 1,710 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 831 करोड़ रुपये रहा था।
हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बैंक की आय घटकर 21,633 करोड़ रुपये रह गई जो वित्त वर्ष 2020-21 में 22,525 करोड़ रुपये रही थी।
भाषा रिया रिया अजय
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