मुंबई, पांच जुलाई (भाषा) केंद्रीय बैंकों को मूल्य स्थिरता कायम करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें काम करने की आजादी दी जानी चाहिए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की दर निर्धारण समिति के सदस्य जॉन सी विलियम्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुख्यालय में एक वार्ता के लिए आए विलियम्स फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी हैं।
उन्होंने कहा कि अनिश्चितता निकट भविष्य में मौद्रिक नीति की प्रमुख विशेषता बनी रहेगी।
विलियम्स ने चौथा सुरेश तेंदुलकर स्मारक व्याख्यान देते हुए कहा, ”केंद्रीय बैंकों को मूल्य स्थिरता कायम करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसे हासिल करने के लिए उन्हें काम करने की आजादी मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इतिहास ने हमें सिखाया है कि केंद्रीय बैंक जब जवाबदेह और स्वतंत्र होते हैं तो वे स्थायी रूप से कम मुद्रास्फीति दर हासिल करने में अधिक सफल हो सकते हैं।
विलियम्स ने कहा कि 1970 के दशक में केंद्रीय बैंक के कई अधिकारियों का मानना था कि मुद्रास्फीति को कम करने में मौद्रिक नीति केवल एक छोटी भूमिका निभा सकती है, जबकि कुछ का यह भी मानना था कि मुद्रास्फीति को कम करना पूरी तरह से उनके नियंत्रण से बाहर है।
उन्होंने कहा कि इसके चलते मुद्रास्फीति की दर लगातार उच्च बनी रही और आर्थिक ठहराव हुआ।
विलियम्स ने कहा कि आज, आर्थिक झटकों, राजकोषीय नीति में बदलाव या वैश्वीकरण के उतार-चढ़ाव के बावजूद, केंद्रीय बैंक मानते हैं कि मूल्य स्थिरता हासिल करना और उसे बनाए रखना उनका काम है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.