scorecardresearch
Friday, 8 November, 2024
होमदेशअर्थजगतचेन्नई मेट्रो फेज़-2 प्रोजेक्ट में 65 प्रतिशत राशि देगी केंद्र सरकार, योजना के तहत बनेंगे 3 कॉरीडोर

चेन्नई मेट्रो फेज़-2 प्रोजेक्ट में 65 प्रतिशत राशि देगी केंद्र सरकार, योजना के तहत बनेंगे 3 कॉरीडोर

इनकी कुल अनुमानित लागत 63,246 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्र का हिस्सा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक है.

Text Size:

नई दिल्ली: चेन्नई मेट्रो रेल परियाजना की अनुमानित लागत का 65 फीसदी धन केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना में केंद्र का हिस्सा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 के तहत तीन कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इनकी कुल अनुमानित लागत 63,246 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्र का हिस्सा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक है.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार चेन्नई मेट्रो चरण-2 की अनुमानित लागत का लगभग 65 प्रतिशत वित्तपोषण करेगी जिसमें 33,593 करोड़ रुपये का ऋण के रूप में और 7425 करोड़ रुपये की इक्विटी तथा अधीनस्थ ऋण के रूप में होगा. अनुमानित लागत का बाकी का हिस्सा यानि कि 35 प्रतिशत राज्य सरकार जुटाएगी.

चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण के पूरा हो जाने पर शहर में कुल 173 किलोमीटर का नेटवर्क पूरा हो जाएगा. इस दूसरे फेज़ में तीन नए कॉरिडोर बनने हैं जो कि मधावरम से सिपकॉट (45.8 किलोमीटर, 50 स्टेशन), लाइट हाउस से पूनामल्ले बाईपास (26.1 किलोमीटर, 30 स्टेशन) और मधावरम से शोलिंगानल्लूर (47 किलोमीटर, 48 स्टेशन) होंगे.

चरण-II में लगभग 118.9 किलोमीटर नई मेट्रो लाइनें जोड़ी जाएंगी. चरण-II के गलियारे चेन्नई के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को जोड़ेंगे, जो माधवरम, पेराम्बुर, थिरुमायिलई, अड्यार, शोलिंगनल्लूर, एसआईपीसीओटी, कोडंबक्कम, वडापलानी, पोरुर, विल्लीवाक्कम, अन्ना नगर, सेंट थॉमस माउंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों से गुजरते हुए बड़ी संख्या में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और संस्थागत प्रतिष्ठानों को जोड़ेंगे और इन समूहों में लगे कार्यबल के लिए प्रभावी सार्वजनिक परिवहन और शहर के विभिन्न हिस्सों से संपर्क प्रदान करेंगे.

(भाषा इनपुट के साथ)


यह भी पढ़ेंः योग से लेकर नदियों को फिर से जीवन देते-देते क्यों कानूनी विवादों में फंस गया सद्गुरू का ईशा फाउंडेशन


 

share & View comments