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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशदेर रात आए तेज भूकंप से नेपाल में भीषण तबाही, अब तक 129 की मौत, बढ़ सकता है मरने वालों का आंकड़ा

देर रात आए तेज भूकंप से नेपाल में भीषण तबाही, अब तक 129 की मौत, बढ़ सकता है मरने वालों का आंकड़ा

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. हालांकि, बाद में जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 बताया.

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नई दिल्ली: शुक्रवार रात नेपाल में आए तेज भूकंप में 129 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोगों के मलबे में दबने की आशंका जताई जा रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र और रुकुम में तेज भूकंप का सबसे अधिक असर हुआ, जहां सबसे अधिक लोगों की मौत हुई. मृतकों के बारे में जानकारी रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टराई और जाजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का ने दी है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कुछ सेकेंडों में कई मकान ढह गए.

साथ ही सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी सूचना है जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है.

इस भूकंप का असर उत्तर भारत में भी देखने को मिला. उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि में भी भूकंप को महसूस किया गया.

भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. हालांकि, बाद में जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 बताया.

बता दें कि जजरकोट नेपाल का पहाड़ी इलाका है और यहां की आबादी लगभग 2 लाख है. जिस क्षेत्र में सबसे
ज्यादा भूकंप का असर हुआ, वो पहाड़ियों पर बसे छोटे-छोटे गांव हैं.

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने जल्द से जल्द और तेजी से बचाव अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है. प्रचंड ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “हम भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हैं और सुरक्षा एजेंसियों और बचाव टीम से तत्काल बचाव और राहत अभियान शुरू करने का आदेश देते हैं.”

भारत सरकार के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था.


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