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Wednesday, 20 November, 2024
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ड्रीम-11 को 222 करोड़ में मिली आईपीएल 2020 की स्पॉन्सरशिप

भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सत्र के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था.

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नई दिल्ली: फंतासी खेल प्लेटफॉर्म ड्रीम11 ने चीनी कंपनी वीवो की जगह लगभग साढे चार महीने के करार के लिए 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टाइटिल प्रायोजन अधिकार हासिल किया.

ड्रीम11 पहले से ही पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल के प्रायोजन से जुड़ा है.

आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया, ‘ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ अधिकार हासिल किया है.’

यह पता चला कि टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई जबकि दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड़) और अनएकेडमी (170 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहें.

भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सत्र के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था.

कोविड-19 महामारी के कारण इस बार आईपील को यूएई में 19 सितंबर से खेला जाएगा.

ड्रीम11 में चीनी कंपनी टेनसेंट के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह 10 प्रतिशत से भी कम है.

ड्रीम11 एक भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना हर्ष जैन और भावित शेठ ने की है.

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक सूत्र ने बताया, ‘ड्रीम 11 के हितधारकों में शामिल इसके संस्थापक और 400 से अधिक कर्मचारी भारतीय हैं.’

अधिकारी ने बताया, ‘कलारी कैपिटल और मल्टीपल्स इक्विटी उनके भारतीय निवेशक हैं. यहां तक ​​कि ड्रीम11 का उत्पाद का उपयोग विशेष रूप से सिर्फ भारतीयों द्वारा किया जा सकता है. टेनसेंट की हिस्सेदारी केवल का प्रतिशन सिफ ‘एक-अंक’ में है.’


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पिछले महीने ही हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की थी. यह कहा गया था कि यह प्लेटफॉर्म एक नकली टी20 लीग से जुड़ा हुआ था जिसमें पंजाब के एक कस्बे में आयोजित मैच को श्रीलंका का बताकर सीधा प्रसारण किया गया था.

एसीयू की जांच में पता चला है कि टूर्नामेंट में खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किट पर ड्रीम11 का लोगो था और इसका प्रसारण फैनकोड पर किया गया था. ड्रीम11 और फैनकोड दोनों ड्रीम स्पोर्ट्स ग्रुप का हिस्सा हैं.

बीसीसीआई हालांकि थोड़े समय में एक टाइटिल प्रायोजक का प्रबंध करने में सफल रहा लेकिन उसे इससे मिलने वाली रकम वीवो की तुलना में कम है.

बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले में ऐसी ही उम्मीद थी. जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि मौजूदा बोली वीवो के करीब पहुंचेगी वे मौजूदा आर्थिक माहौल से अनजान थे. टाटा समूह ने भले ही इसके लिए ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ दाखिल किया था लेकिन वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे.’

उद्योग के अंदरूनी सूत्र ने बताया, ‘बीसीसीआई टाटा की मौजूदगी चाहता था क्योंकि उससे विश्वसनीयता काफी बढ़ती.’

बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि ड्रीम11 के करार से मिलनी वाली आधिकारिक प्रायोजन राशि के अलावा अनएकेडमी और भुगतान ऐप के प्रायोजन पूल में आने से घाटा काफी हद तक कम हो जाएगा.

बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चार महीने के समय को सोच कर देखिये और आपको लगेगा कि इतने कम समय के लिए यह खराब सौदा नहीं है.’


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