नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) रेलवे द्वारा भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर उम्मीदवारों के उपद्रव के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट नहीं करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।
इससे पहले दिन में, देश के विभिन्न हिस्सों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा तोड़फोड़ की खबर के बाद रेल मंत्रालय ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी एनटीपीसी) और स्तर 2 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था।
मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं उम्मीदवारों से कहना चाहूंगा कि यह उनकी अपनी संपत्ति है। वे अपनी ही संपत्ति को क्यों नष्ट कर रहे हैं? हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे।’’
रेल मंत्री की टिप्पणी बिहार और उत्तर प्रदेश में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के हिंसक विरोध के बाद आई है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे मुख्यमंत्रियों के संपर्क में है और इस मुद्दे के साथ ‘संवेदनशीलता’ से निपटा जा रहा है। रेल मंत्री ने कहा, ‘‘मैं उम्मीदवारों से अपनी शिकायतों को औपचारिक रूप से सामने रखने का आग्रह करता हूं। हमारा इरादा इस मुद्दे को जल्दी से हल करने का है। एक समिति बनाई गई है और यह उम्मीदवारों के आवेदनों पर गौर करेगी।’’
बिहार में प्रदर्शन के तीसरे दिन एक यात्री ट्रेन में आग लगा दी गई और एक पर पथराव किया गया। वैष्णव ने कहा, ‘‘मैं छात्रों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का अनुरोध करता हूं। हम उनकी शिकायतों और चिंताओं को गंभीरता से लेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सभी रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्षों को उम्मीदवारों की चिंताओं को सुनने, उन्हें संकलित करने और समिति को भेजने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए एक ईमेल एड्रेस शुरू किया गया है। समिति देश के विभिन्न हिस्सों में जाएगी और शिकायतों को सुनेगी।’’
बिहार के गया जंक्शन पर भीड़ ने नारेबाजी की और भभुआ-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में आग लगा दी, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पटना के बाहरी इलाके तारेगाना और जहानाबाद में भी प्रदर्शन हुए, हालांकि वहां के प्रदर्शनकारी समझाने के बाद शांत हो गए।
उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को ‘‘धोखा देने’’ के समान है जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में उपस्थित हुए और पास हुए।
लगभग 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर पटरियों पर धरना दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। विरोध के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया।
भाषा आशीष उमा
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