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Sunday, 24 November, 2024
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कोलकाता पुलिस का दावा ‘मनोरोग’ से जूझ रहे डॉक्टर ने दी थी बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव को जान से मारने की धमकी

बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को उनकी पत्नी के नाम भेजे गए एक पत्र में जान से मारने की धमकी मिली थी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को उनकी पत्नी के नाम भेजे गए एक पत्र में मौत की धमकी मिलने के लगभग दो हफ्ते बाद कोलकाता पुलिस ने सोमवार को इस मामले में तीन लोगों गिरफ्तार किया है. अरेस्ट हुए लोगों में एक डॉक्टर, उसका ड्राइवर और एक टाइपिस्ट को शामिल है.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह डॉक्टर, जिसकी पहचान अरिंदम सेन के रूप में हुई है, जाधवपुर के केपीसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में काम करता है. वह बिजॉय कुमार कयाल नाम के एक व्यक्ति द्वारा धमकी भरे पत्र टाइप करवाता था और उसके बाद उसका ड्राइवर, रमेश शॉ, उन्हें डाकघर में डाल देता था.

अधिकारियों ने बताया कि जिन स्थानों से पत्र पोस्ट किए गए थे उन स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद पुलिस की निगाह टाइपिस्ट पर पड़ी और फिर इसने ड्राइवर को भी ढूंढ निकाला.

मुरलीधर शर्मा, जॉइंट कमिश्नर (क्राइम), कोलकाता पुलिस ने कहा, ‘25 अक्टूबर को अरिंदम सेन शरत बोस रोड पोस्ट ऑफिस से सात पत्र भेजे थे. इन सात पत्रों में से एक पत्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति का पता लिखा था. डॉक्टर द्वारा भेजे गए पत्र की निशानदेही और पूछताछ वाली प्रारंभिक जांच के बाद हमें ऐसा प्रतीत होता है कि उसे किसी तरह की मानसिक समस्या है.’

बचे छह पत्र निदेशक (चिकित्सा शिक्षा), विज्ञान सचिव, एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, पश्चिम बंगाल सरकार के प्रधान सचिव और किसी जूली भट्टाचार्य नाम की महिला को भेजे गए थे.

कोलकाता पुलिस के एक दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें पोस्ट ऑफिस से ये सभी पत्र भेजे जाने के निशान मिले हैं लेकिन हमें अभी इन सभी पत्रों को एकत्र करना है. अभी तक हमें सिर्फ एनआरएस मेडिकल कॉलेज को भेजा गया पत्र मिला है. उस पत्र में,उन्होंने डॉक्टरों उसने किसी आगामी आंदोलन के बारे में लिखा है और अस्पताल परिसर में दो युवा डॉक्टरों की आसन्न मौतों का भी जिक्र किया है.’


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आगे की जांच के लिए मनोचिकित्सकों से संपर्क करेगी पुलिस

इस सारे मामले में जांचकर्ताओं ने केपीसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों से भी बात की है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे आगे की जांच के दौरान मनोचिकित्सकों और परामर्शदाताओं से भी सलाह-मशविरा करेंगे.

मामले की जांच कर रहे दूसरे पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि, ‘हम इस केस में विशेषज्ञों की भी मदद ले रहे हैं और इस बात का विश्लेषण करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर क्यों एक डॉक्टर अजनबियों और समाज के प्रभावशाली लोगों को उनकी मृत्यु की भविष्यवाणी करने वाले ऐसे पत्र लिखेगा? इन पत्रों में यह नहीं कहा गया है कि वह किसी को मार डालेगा, इसमें केवल आसन्न मौतों का उल्लेख किया गया है. यह किसी की मृत्यु की भविष्यवाणी करने जैसा है.’

इस पत्र को भेजने वालों के नाम और पते डॉक्टर द्वारा मनमाने ढंग से चुने गए थे. अधिकारी ने यह भी कहा कि ड्राइवर और टाइपिस्ट को इन पत्रों की विषय-वस्तु की जानकारी थी लेकिन वो पैसों की खातिर चुप रहे.

26 अक्टूबर को बंद्योपाध्याय की पत्नी, सोनाली चक्रवर्ती, जो कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति हैं. उनको एक पत्र मिला था जिसमें लिखा था: ‘तुम्हारा पति मारा जाएगा. तुम्हारे पति की जान कोई नहीं बचा सकता.’

इस पत्र को स्पीड पोस्ट के माध्यम से चक्रवर्ती के कार्यालय को भेजा गया था. पुलिस ने तब कहा था कि पत्र में अंकित भेजने वाले का नाम और पता दोनों फ़र्जी है.

(यह रिपोर्ट अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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