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Friday, 29 March, 2024
होमदेशडिजाइनर सामान, जकूज़ी और बहुत कुछ'- विजिलेंस रिपोर्ट में केजरीवाल के 52 करोड़ रुपये के आवास का विवरण है

डिजाइनर सामान, जकूज़ी और बहुत कुछ’- विजिलेंस रिपोर्ट में केजरीवाल के 52 करोड़ रुपये के आवास का विवरण है

उपराज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट में वृक्षारोपण और भवन निर्माण में भी अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है. इसमें कहा गया है कि संशोधित चित्र एक सलाहकार द्वारा बनाया गया था जिनकी नियुक्ति 'औपचारिक रूप से नहीं' की गई थी.

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नई दिल्ली: 48 लाख रुपये का डिजाइनर सामान और फिटिंग, 5 करोड़ रुपये का आर्टवर्क और सजावटी काम, 2.4 करोड़ रुपये का मार्बल वर्क, 20 लाख रुपये का सौना बाथ और जकूज़ी तथा एक करोड़ से अधिक मूल्य का फैंसी मॉड्यूलर किचन- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास और कैंप कार्यालय में 2020 में मरम्मत के दौरान ये सारे सामन का इस्तेमाल किया गया था. दिल्ली की सतर्कता विभाग ने अपनी जांच में यह पाया है. 

उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना को सतर्कता विभाग द्वारा सौंपी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में कोविड महामारी के प्रकोप के बावजूद, दिल्ली सरकार ने कथित तौर पर सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास और 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित कैंप कार्यालय के नवीनीकरण के लिए 52.71 करोड़ रुपये खर्च किए. दिप्रिंट के पास रिपोर्ट की एक कॉपी है.

12 मई की इस रिपोर्ट के मुताबिक, जो सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाई.वी.वी.जे. राजशेखर के नाम से है, मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार की कुल लागत 33.49 करोड़ रुपये थी, जबकि कैंप कार्यालय के लिए यह 19.22 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना को क्रियान्वित करते समय कई नियमों का उल्लंघन किया गया और अप्रुवल भी नहीं मांगा गया.

यह रिपोर्ट एलजी द्वारा सीएम के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेने और अप्रैल के अंत में मुख्य सचिव नरेश कुमार को 15 दिनों में कथित अनियमितताओं पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने के बाद आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा पेड़ों की कटाई और रोपाई में अनियमितताएं बरती गईं.

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इसके अलावा, इसमें यह भी नोट किया गया कि स्थानीय निकाय के रूप में कार्य करने के लिए लोक निर्माण विभाग की भवन समिति होने के बावजूद “ऐसी निर्माण/जोड़ने/परिवर्तन गतिविधियों” की निर्माण योजनाओं के लिए मंजूरी नहीं ली गई थी. इसमें कहा गया है कि इंटीरियर डिजाइन के संबंध में दो संशोधित ड्राइंग “बॉबी मुखर्जी एंड एसोसिएट्स” द्वारा की गई थी, जिनकी नियुक्ति “पीडब्ल्यूडी द्वारा उपलब्ध कराए गए रिकॉर्ड के अनुसार औपचारिक रूप से नहीं की गई थी”.

रिपोर्ट के अनुसार, “माननीय सीएम की पत्नी” की आवश्यकताओं के आधार पर सलाहकारों द्वारा दिखाई गई इंटीरियर डिजाइनिंग में कई चित्रों में बदलाव किया गया था. इसके परिणामस्वरूप कुल किया गया कार्य और राशि में बढ़ोतरी हो सकती है.

दिप्रिंट विशेष सचिव राजशेखर से बार-बार फोन और व्हाट्सएप मैसेज पर टिप्पणी के लिए पहुंचा, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने के बाद रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

आम आदमी पार्टी के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले नौ वर्षों में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के अपने सभी प्रयासों में विफल रहने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (केंद्र में सत्ता में) अब मुख्यमंत्री के आवास को निशाना बना रही है.

उन्होंने कहा “रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि कोई अपराध किया गया था. यह पहली बार है जब दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास, कार्यालय सचिवालय, ऑडिटोरियम, स्टाफ क्वार्टर आदि को मिलाकर आधिकारिक मुख्यमंत्री निवास परिसर बनाया गया है. बीजेपी को अडाणी घोटाले की जांच में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए. अडाणी समूह पर कॉर्पोरेट घोटाला, स्टॉक मूल्य हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई है.”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पूरे देश में तेजी से फैल रही है और मोदीजी इससे डरे हुए हैं. इसलिए मोदीजी ने केजरीवालजी के खिलाफ सभी एजेंसियों को खोल दिया है. मोदीजी अब तक एक पैसे की अनियमितता नहीं ढूंढ पाए हैं.”

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने इसपर पलटवार किया है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया, “यह रिपोर्ट अनियमितताओं पर पार्टी द्वारा दिए गए पहले के बयानों की पुष्टि करती है. यह शर्मनाक है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का बंगला अवैध निर्माण का मामला है. यह नवीनीकरण कार्य आदेश के भेष में पुनर्निर्माण का मामला है.”


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पेड़ काटने, स्थानांतरण में अनियमितता

सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच बार पेड़ों की कटाई या रोपाई की अनुमति ली गई थी. लेकिन इसमें इस पर प्रकाश डाला गया था कि प्रत्येक बार दस से कम पेड़ों को ही काटा जाए. इससे अधिक पेड़ों को काटने के लिए के एक उच्च प्राधिकरण की अनुमति की आवश्यकता होगी.

साइट पर काटे गए पेड़ों के लिए डीआरडीओ परिसर में 280 पेड़ लगाने थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि परिसर में लगाए जाने वाले 280 पेड़ों में से “केवल 83” पेड़ लगाए गए पाए गए. रिपोर्ट में कहा गया है, “वहां 60 गड्ढे थे जिनमें पौधों का कोई निशान नहीं था, जो मर गए होंगे. इस स्थल पर शेष 137 वृक्षों के लगाए जाने का कोई संकेत नहीं है.”

घर के अंदर और बदलाव को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है, “मॉड्यूलर किचन, लॉन्ड्री और पेंट्री को शुरू में काम के दायरे में नहीं लिया गया था, लेकिन माननीय सीएम की पत्नी, माननीय पीडब्ल्यूडी मंत्री और सलाहकार के बीच हुई बैठक के बाद निवास में यह प्रदान करने का निर्णय लिया गया.”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन वस्तुओं की अनुमानित लागत 1.64 करोड़ रुपये थी.

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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